शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए कूच करेगा 101 किसानों का जत्था, प्रशासन की पाबंदियों को तोड़कर आगे बढ़ने को तैयार

Amrit Vichar Network
Published By Sunil Mishra
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अमृत विचार, चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों का एक जत्था शुक्रवार को दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू करेगा। किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित कुछ मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं। हरियाणा की सीमा पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। अंबाला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इस धारा के तहत जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों की किसी भी गैरकानूनी सभा पर रोक है। 

उपायुक्त द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पैदल, वाहन या अन्य साधनों से किसी भी प्रकार का मार्च निकालने पर रोक लगा दी गई है। इस बीच, अंबाला प्रशासन ने जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को शुक्रवार को बंद करने का आदेश दिया है। अंबाला के जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार ने कहा, शुक्रवार को सरकारी और निजी स्कूल बंद रहेंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर बॉर्डर से सटे राजपुरा (पंजाब)-अंबाला (हरियाणा) पर पहले से ही बैरिकेडिंग की जा चुकी है। शंभू बॉर्डर पर पानी की बौछारें करने की भी व्यवस्था की गई है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मार्च शुरू करने वाले 101 किसानों को ‘मरजीवड़ा’ (ऐसे लोग जो किसी मकसद के लिए जान भी देने को तैयार हों) कहा। पंधेर ने कहा कि मार्च शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाएगा। उन्होंने हरियाणा प्रशासन द्वारा पैदल मार्च पर रोक लगाए जाने की आलोचना की। 

सरवन सिंह पंधेर ने गुरुवार को कहा कि किसान अपने साथ कोई ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जाएंगे। अंबाला के उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट ने 30 नवंबर के एक आदेश में बीएनएसएस की धारा 163 को लागू करते हुए पांच या अधिक व्यक्तियों के गैरकानूनी रूप से एकत्र होने और पैदल, वाहनों या किसी अन्य माध्यम से जुलूस निकालने पर रोक लगा दी। आदेश में कहा गया है, ऐसी आशंका है कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पंजाब और हरियाणा से आएंगे और दिल्ली की ओर बढ़ने के लिए शंभू बॉर्डर पर इकट्ठा होंगे, इसलिए बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने समेत सीमा बिंदुओं पर और जिले में उचित कदम उठाए जाने की जरूरत है ताकि ऐसा कोई व्यक्ति आवागमन न कर सके जिसने पहले से इसके लिए स्वीकृति न ली हो। किसानों के अनुसार, उनके पहले जत्थे का नेतृत्व सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह और बलजिंदर सिंह करेंगे। यह जत्था अपने साथ केवल जरुरत के सामान ही लेकर जाएगा। हरियाणा की सीमा पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है। 

अंबाला जिला प्रशासन ने बुधवार को किसानों से मार्च पर पुनर्विचार करने और दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने के बाद ही कोई कार्रवाई करने का आग्रह किया था। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में इससे पहले पैदल दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी। उनकी मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कई अन्य मांग शामिल हैं। सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर मार्च करने से रोके जाने के बाद वे 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। इस बीच, एसकेएम नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खनौरी बॉर्डर बिंदु पर अपना आमरण अनशन जारी रखा। किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। वे 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं। 

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