कानपुर में सोना चोरी में पूर्व एसओ समेत चार पुलिसकर्मी माने गए दोषी: कार्रवाई की लटक रही तलवार, पुलिस कमिश्नर जल्द ले सकते फैसला

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। सोना चोरी के आरोपों में फंसे रेलबाजार थाने के पूर्व एसओ विजय दर्शन शर्मा समेत चार पुलिस कर्मियों को दोषी मान लिया गया है। इसके बाद अब पूर्व एसओ पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। अब इस मामले में फैसला पुलिस कमिश्नर ले सकते हैं। 

30 सितंबर को फतेहपुर में तैनात शिक्षिका शालिनी दुबे के बर्रा स्थित आवास पर चोरों ने धावा बोलकर नगदी समेत 25 लाख का माल पार कर दिया था। घटना के दौरान उनके पति प्रदीप बीएसएफ में ड्यूटी पर थे। बेटी अनन्या देहरादून में और बेटा बिट्टू ग्वालियर में था। देर शाम घर लौटने पर घटना की जानकारी हुई थी। इसके घर से चोरी की गई ज्वैलरी को गलाकर बेचने और चोर को छोड़ने के आरोपों में घिरे रेलबाजार थाने के पूर्व एसओ विजय दर्शन शर्मा के समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित करके जांच के आदेश दिए गए थे। 

काफी समय तक गायब रहने के बाद विजय दर्शन शर्मा ने जांच कमेटी और पुलिस लाइन में आमद कराई। जांच कमेटी ने सभी के बयान दर्ज किए है। कमेटी ने जांच करके पूर्व एसओ विजय दर्शन शर्मा, अंडर ट्रेनिंग दरोगा रविंद्र श्रीवास्तव, एचसीपी आमिल हाफिज और कार चालक आकाश को दोषी माना है। जबकि हेड कांस्टेबल सुभाष तिवारी को क्लीन चिट दे दी है। चारों दोषी पुलिस कर्मी सर्राफ की दुकान पर गए थे। 

जहां से सोना गलाकर चोर को छोड़ा गया। जबकि सुभाष तिवारी इनके साथ नहीं गया था। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार की स्टाफ ऑफिसर अमिता सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट आ गई है। पूर्व एसओ समेत चार को दोषी माना गया है। पुलिस कमिश्नर के स्तर पर कार्रवाई होगी।

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