लखीमपुर खीरी : सिंगाही और तिकुनिया क्षेत्र में बेखौफ माफिया खुलेआम कर रहे खनन

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Published By Pradeep Kumar
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दिन-रात बालू और मिट्टी भरकर दौड़ रहीं ट्रैक्टर-ट्रालियां

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। तहसील निघासन क्षेत्र में अफसरों की लापरवाही से अवैध खनन ने कुटीर उद्योग का रूप ले लिया है। सूरज ढलते ही सिंगाही के मोतीपुर और तिकुनिया क्षेत्र के बाबूपुरवा व जसनगर में खनन जोरों से शुरू हो जाता है। मिट्टी और बालू भरी ट्रैक्टर-ट्रालियां सुबह चार बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक बेखौफ होकर दौड़ती हैं।

थाना सिंगाही क्षेत्र के मोतीपुर स्थित जौराहा नदी पर मोतीपुर पुल, माझा, दरेहटी, सिन्हौना समेत खनन माफियाओं ने 12 से अधिक अवैध घाट बना रखे हैं। इन घाटों से बालू का खनन जेसीबी मशीन से किया जा रहा है। तीन दिन पहले एसडीएम निघासन ने मोतीपुर पुल के नीचे खनन करते समय एक बालू भरी ट्रैक्टर-ट्राली पकड़कर सीज की थी। इसके बाद भी माफियाओं में पुलिस और प्रशासन का कोई खौफ नजर नहीं आ रहा है। उधर तिकुनिया क्षेत्र में भारत-नेपाल सीमा पर बह रही मोहाना नदी हर साल तबाही मचाती है। सूरतनगर समेत कई गांवों को उसने अपने आगोश में ले रखा है। इसके बाद भी नदी में जसनगर और बाबूपुरवा के पास बड़े पैमाने पर मिट्टी और बालू का खनन किया जा रहा है। अगर ऐसे खनन होता रहा तो इस बार नदी का रुख आबादी की तरफ और अधिक विकराल होगा।

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