प्रयागराज : सरकारी चिकित्सकों द्वारा निजी प्रैक्टिस करने पर सरकार को जांच करने के आदेश

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Published By Vinay Shukla
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प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सकों द्वारा निजी प्रैक्टिस करने पर चिंता जताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को इस संबंध में जांच करने का निर्देश दिया है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकलपीठ ने प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर डॉ. अरविंद गुप्ता द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

उपरोक्त याचिका रूपेश चंद्र श्रीवास्तव की शिकायत के खिलाफ दाखिल की गई है, जिसमें प्रयागराज के निजी प्रतिष्ठान फिनिक्स अस्पताल में डॉ. गुप्ता और उनकी पत्नी द्वारा अनुचित उपचार का आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने सरकारी चिकित्सकों द्वारा निजी तौर पर प्रैक्टिस करने को नैतिक और कानूनी निहितार्थों का उल्लंघन बताया है। कोर्ट ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि क्या डॉ. गुप्ता निजी तौर पर रोगियों का इलाज करने के लिए कानूनी रूप से अनुमति प्राप्त हैं। यह मुद्दा सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की अखंडता और निजी प्रैक्टिस से उत्पन्न होने वाले संभावित हितों के टकराव के बारे में व्यापक चिंताएं उत्पन्न करता है।

कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव को ऐसे मामलों में रिपोर्ट करने का काम सौंपा है कि सरकारी चिकित्सक निजी प्रैक्टिस करने के लिए अधिकृत हैं या नहीं। इस जांच का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि सार्वजनिक क्षेत्र के डॉक्टर निजी क्षेत्र के अवसरों के अनुचित प्रभाव से प्रभावित हुए बिना अपनी प्राथमिक सेवाओं के प्रति समर्पित रहें।

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