Bareilly: '90 घंटे काम करो, घर बैठे पत्नी को कितनी देर निहारोगे', L&T चेयरमैन के बयान पर भड़कीं महिलाएं

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Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार: एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम ने 90 घंटे काम करने और घरों में रहकर महिलाओं को देखने वाला बयान देकर विवाद को जन्म दे दिया है। इस बयान से महिलाओं में गुस्सा है। उन्होंने बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि चेयरमैन की मानसिकता दूषित है। ट्रेड यूनियन के नेताओं ने भी चेयरमैन के बयान की भर्त्सना करते हुए कहा कि बयान एलएंडटी जैसी कंपनी के चेयरमैन की खराब सोच को उजागर कर रहा है।

कई कंपनियों में एचआर मैनेजर के पद पर रह चुकीं सुभाषनगर की दिव्या सिंह बताती हैं कि चेयरमैन का यह बयान महिलाओं को बराबरी देने में भेदभाव को दर्शाता है।
एलआईसी कर्मचारी गीता शांत कहती हैं कि सरकार कारपोरेट के हाथों में सब कुछ देती जा रही है, इसलिए कारपोरेट वर्कर को इंसान मानने को तैयार नहीं हैं।
पीलीभीत रोड की पवन विहार निवासी स्मिता यादव का कहना है कि चेयरमैन खुद लगातार 16 घंटे काम नहीं कर सकते हैं, मगर दूसरों से चाहते हैं कि 90 घंटे काम करें।
बैंक कर्मचारी स्वाति का कहना है कि महिलाओं का सम्मान करने की बजाय उसे भोग की वस्तु समझने वाले चेयरमैन को माफी मांगनी चाहिए।
बरेली ट्रेड यूनियंस फेडरेशन के महामंत्री संजीव मेहरोत्रा कहते हैं कि लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन के अनुसार कर्मचारियों को 90 घंटे काम करना चाहिए, उनका यह बयान संविधान विरोधी है। हम ऐसे बयान की घोर निंदा करते हैं।
रेलवे नेता मुकेश सक्सेना बताते हैं कि काम के घंटे बढ़ाने की बात बेमानी और संघर्ष के दम पर पाए अधिकारों को छीनने वाली है, जिसकी घोर निंदा करते हैं। लेबर लॉ के खिलाफ बोलने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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