Kannauj: 135 फरियादी असंतुष्ट तो 77 में लग गई स्पेशल क्लोज रिपोर्ट, पहली से नौ जनवरी तक आईजीआरएस के निस्तारण की हकीकत

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Published By Nitesh Mishra
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जिले के 34 अधिकारियों व विभागों से संबंधित आईं शिकायतें

कन्नौज, अमृत विचार। अगर किसी ने कोई शिकायत की है और उसका निस्तारण अधिकारी मनचाहे ढंग से करते हैं तो आगे भी वही हाल रहेगा। पीड़ित असंतुष्ट फीडबैक देता रहे, अफसर स्पेशल क्लोज रिपोर्ट लगाकर उस अध्याय को समाप्त कर देते हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि विभागों की रिपोर्ट बता रही है कि इसी तरह से आईजीआरएस का निस्तारण किया जाता है।

दरअसल, आईजीआरएस से संबंधित एक रिपोर्ट वायरल हुई है। इसमें पहली से नौ जनवरी तक कुल प्राप्त फीडबैक, संतुष्ट व असंतुष्ट आदि का ब्योरा दिया गया है। कुल 34 विभागों व अफसरों से संबंधित 188 फीडबैक फरियादियों ने दिए। इसमें से महज 53 ही संतुष्ट फीडबैक आए जबकि 135 असंतुष्ट रहे। संबंधित आलाधिकारियों ने असंतुष्ट फीडबैक में से 77 में स्पेशल क्लोज रिपोर्ट लगाकर उसे बंद कर दिया। 58 मामले अवशेष असंतुष्ट फीडबैक के हैं। 

इस रिपोर्ट में एसडीएम छिबरामऊ के 27 फीडबैक में सबसे अधिक 23 असंतुष्ट रहे। सभी में स्पेशल क्लोज रिपोर्ट लगाई गई। इसी तरह एसपी के 12 मामलों में 11 असंतुष्ट रहे और चार में स्पेशल क्लोज रिपोर्ट लगाई गई। डीपीआरओ के सभी 10 फीडबैक असंतुष्ट रहे व नौ में स्पेशल क्लोज रिपोर्ट लगी। बिजली विभाग के अधिशाषी अभियंता के 14 प्रकरणों में सात असंतुष्ट रहे जिनमें सभी स्पेशल क्लोज होकर समाप्त कर दिए गए। 

इसी तरह डीआईओएस की पांच शिकायतें आईं और सभी असंतुष्ट रहे पर स्पेशल क्लोज लगाकर चार बंद कर दिए गए। इसी तरह के आंकड़े सीडीओ से संबंधित मामलों के भी हैं। बीएसए के तीन में दो असंतुष्ट व उसमें स्पेशल क्लोज रिपोर्ट लगने को है। 

जिला पंचायत के एएमए की दो शिकायतों में असंतुष्ट, बीडीओ छिबरामऊ का एक, पूर्ति निरीक्षक का एक, एसडीएम तिर्वा का एक, सीएचसी तिर्वा का एक, डीसी मनरेगा का एक, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी का दो, बीडीओ कन्नौज का एक, एडीओ कन्नौज का एक, बीडीओ हसेरन का एक व पीडब्ल्यूडी एक्सईएन प्रांतीय खंड का भी एक स्पेशल क्लोज मामला वायरल हो रहा है। एडीओ सौरिख के तीन मामलों में स्पेशल क्लोज रिपोर्ट लगी है। 

जानिए क्या है स्पेशल क्लोज रिपोर्ट

कोई फरियादी किसी विभाग में शिकायत करता है और कर्मी या अधिकारी उसका निस्तारण अपने ढंग से करते हैं तो उस पर फरियादी असंतुष्ट फीडबैक देता है। उसके बाद वह शिकायत उच्चाधिकारियों के पास पहुंचती है। वहां से आलाधिकारी विशेषाधिकार का प्रयोग कर स्पेशल क्लोज रिपोर्ट लगा देते हैं अर्थात पहली वाली मनचाही रिपोर्ट को सही मानते हुए उसका निस्तारण कर देते हैं।

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