फर्टिलाइजर कारखाने में तालाबंदी, नोटिस चस्पा: कानपुर में 1,500 कर्मचारियों और उनके परिवार के सामने खड़ा हुआ रोजी-रोटी का संकट
सरकार से सहयोग नहीं, सब्सिडी रुकने व गेल से गैस आपूर्ति ठप होने का दिया हवाला
कानपुर, (महेश शर्मा)। जेपी एसोसिएट ग्रुप के कानपुर स्थित फर्टिलाइजर कारखाने केएफसीएल (कानपुर फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड) में तालाबंदी की घोषणा कर बंदी का नोटिस चस्पा कर दिया गया है। इससे यहां कार्यरत 1,500 कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट का खड़ा हो गया है।
बंदी की घोषणा केएफसीएल के सीईओ आलोक गौड़ ने शुक्रवार अपराह्न अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक में की। उन्होंने कहा कि सरकार का कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। खाद पर सब्सिडी का भुगतान बंद होने से गेल के औरैया स्थित प्लांट से गैस की सप्लाई 18 दिसंबर से बंद होने के कारण उत्पादन ठप है।
केएफसीएल में चांद छाप यूरिया खाद का उत्पादन किया जाता था। कारखाने के श्रम अधिकारी प्रदीप चतुर्वेदी के अनुसार कर्मचारियों का दिसंबर माह का रुका वेतन 14 जनवरी को भुगतान किया गया था। केएफसीएल के सीईओ आलोक गौड़ के अनुसार कारखाना चलाने के सभी प्रयास विफल रहे हैं।
शुक्रवार को अचानक दिल्ली से आकर दोपहर 2 बजे बैठक बुलाकर उन्होंने कारखाना चलाने में असमर्थता जताते हुए कहा कि कंपनी पर कर्मचारियों की देनदारी और बंदी की कागजी खानापूरी के आदेश एचआर हेड को दिए जा चुके हैं।
केएफसीएल में जेपी एसोसिएट्स की सहायक कंपनी उत्तर भारत विकास प्राइवेट लिमिटेड की 56.76 और जेपी फर्टिलाइजर एंड इंडस्ट्रीज की 36.03 फीसदी हिस्सेदारी है। गेल के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केएफसीएल से भुगतान नहीं मिलने के कारण गैस का कनेक्शन काटा गया है। गेल को चार माह से गैस आपूर्ति का भुगतान नहीं हुआ है।
