एक तरफ HMPV दूसरी ओर निमोनिया... बच्चे की मौत, 25 भर्ती

करीब 15 दिनों से बीमारी की चपेट में था मासूम, निजी अस्पताल में चल रहा था इलाज

एक तरफ HMPV दूसरी ओर निमोनिया... बच्चे की मौत, 25 भर्ती

लखनऊ, अमृत विचार: लगातार पड़ रही ठंड की वजह से बच्चे निमोनिया की चपेट में आने लगे हैं। राजधानी के सरकारी अस्पतालों में निमोनिया से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ी है। गुरुवार देर शाम त्रिवेणी नगर में निमोनिया से ग्रसित 2 वर्ष के बच्चे की मौत हो गई। करीब 15 दिनों से निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। लोकबंधु, सिविल और बलरामपुर अस्पतालों में 25 बच्चे भर्ती हैं।

त्रिवेणी नगर सेकेंड निवासी विकास वाजपेयी ने बताया कि करीब 15 दिन पहले बच्चे को जुखाम व सीने में जकड़न की शिकायत हुई थी। पहले नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती कराया था, हालत में सुधार होने पर घर ले आए थे। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। निजी डॉक्टर से इलाज करवा रहे थे। डॉक्टरों ने बच्चे को निमोनिया होने की पुष्टि की थी। गुरुवार दोपहर सांस लेने में तकलीफ होने लगी। हालत बेहद नाजुक होने पर निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।

हजरतगंज के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में 6 व बलरामपुर अस्पताल में 9 और लोकबंधु अस्पताल में निमोनिया से ग्रस्त 10 बच्चे भर्ती हैं। सभी का इलाज बाल रोग विभाग में किया जा रहा है। लोकबंधु अस्पताल की ओपीडी में कफ और कोल्ड से पीड़ित प्रतिदिन 25 से अधिक बच्चे आ रहे हैं। निमोनिया बेहद गंभीर न होने पर डाॅक्टर प्राथमिक इलाज बाद घर भेज रहे हैं।

बलरामपुर अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु के मुताबिक डॉक्टरों का कहना है अचानक बढ़ी ठंड से बच्चों में बुखार, जुकाम, खांसी संग सांस लेने में तकलीफ लेने की शिकायतें बढ़ गई हैं। ठंड में बच्चों गर्म कपड़े पहनाकर रखें। घर से बाहर लेकर न जाएं। ऐसे में इम्युनिटी कम होने के कारण बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं। इसलिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। डफरिन अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान ने बताया ओपीडी में कफ व जकड़न की शिकायत लेकर ओपीडी में 80 फीसदी बच्चे आ रहे हैं।

चाइनीज वायरस की आशंका

परिजनों का कहना है कि बच्चे में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के लक्षण थे। जांच न होने से इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। डॉक्टर अन्य बीमारी समझकर इलाज करते रहे। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह के मुताबिक, टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।

निमोनिया के प्रमुख लक्षण

डॉ. सलमान ने बताया कि तेज सांस लेना, कफ की आवाज आना भी निमोनिया का लक्षण हो सकता है। सामान्य से अधिक तेज सांस या सांस लेने में परेशानी होने, सांस लेते या खांसते समय छाती में दर्द, खांसी के साथ पीले, हरे या जंक के रंग का बलगम, बुखार, कंपकंपी या ठंड लगना, पसीना आना, होंठ या नाखून नीले होना, उल्टी होना, पेट या सीने के निचले हिस्से में दर्द होना, मांसपेशियों में दर्द भी निमोनिया का लक्षण हो सकता है।

संक्रमित से दूर रखें छोटे बच्चे

बाल रोग चिकित्सक डॉ. हिमांशु ने बताया निमोनिया पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए। छोटे बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए संक्रमित व्यक्ति से दूर रखना चाहिए। खास तौर पर नवजात को मां का पहला गाढ़ा दूध अवश्य पिलाने के साथ ही छह माह तक केवल स्तनपान ही कराना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान
- नंगे पैर न घूमने दें
- गर्म कपड़े पहनाकर रखें
- ठंडे खाद्य पदार्थ न खाने दें
- ठंडी हवा व प्रदूषण से बचाव करें
- सर्दी जुकाम होने पर उपचार दिलाएं
-अस्थमा है तो नेमुलाइजर साथ रखें।
-डॉक्टर को दिखाकर व सलाह से ही दवा दें
- तीन दिन से अधिक खांसी जुकाम रहे तो जांच कराएं

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