Prayagraj News : एससी/एसटी एक्ट के तहत मामले को विचारणीय मानते हुए शिक्षिका के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही पर लगाई रोक

प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के तहत दंडात्मक कार्यवाही का सामना कर रही एक शिक्षिका के खिलाफ पुलिस की बलपूर्वक कार्यवाही पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा और मामले पर विचार करने की आवश्यकता को महसूस करते हुए मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को सुनिश्चित कर दी है।
उक्त आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की एकलपीठ ने शिक्षिका अदा परवीन की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। हमीरपुर जिले के एक स्कूल की उक्त शिक्षिका पर आरोप है कि उन्होंने नस्लीय घृणा के कारण अनुसूचित जाति की 6 वर्षीया छात्रा को इतना पीटा कि वह बीमार पड़ गयी। पीड़िता की मां द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद शिक्षिका पर आईपीसी की धारा 323 के तहत चोट पहुंचाने और अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(2)(वीए) और 3(1)(आर) के तहत मामला दर्ज किया गया। प्राथमिकी को चुनौती देते हुए याची ने हाईकोर्ट के समक्ष वर्तमान याचिका दाखिल की और तर्क दिया कि एससी-एसटी एक्ट के तहत अपराध की घटना को सिद्ध करने के लिए रिकॉर्ड पर कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है और ना ही मामले का समर्थन करने वाले गवाह उपस्थित किए गए।
शिक्षिका का तर्क है कि उन्होंने छात्रा को होमवर्क पूरा न करने के लिए सिर्फ डांटा था और मेडिकल अधिकारी ने भी पीड़िता के शरीर पर किसी भी तरह की चोट से इनकार किया है। अंत में कोर्ट ने यह देखते हुए कि अभियोजन पक्ष की पूरी कहानी अनुमानों पर आधारित है, मामले पर विचार करने की आवश्यकता महसूस की।
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