Kanpur में 148 परिवारों से 81 लाख की ठगी: 'टीवी देखकर कमाओ लाखों'...झांसा देकर लोगों को फंसाया, 18 शातिरों पर FIR

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। चकेरी थानाक्षेत्र में एड देखो कंपनी के नाम पर शातिरों ने 148 परिवारों से कुल 81 लाख रुपये की ठगी की घटना को अंजाम दिया। आरोप है, कि पैसा वापस मांगने पर जान माल की धमकी दी गई। पीड़ित ने इस घटना के बाद तहरीर देकर 6 नामजद और 12 अज्ञात के खिलाफ संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। 

अनिल कुमार समेत मालती देवी, सुरेन्द्र श्रीवास्तव, जय श्रीवास्तव, रुची राजपूत, दीपाली, रीना चौरसिया, रश्चिम पांडेय, मिथलेश चन्द्र बाजपेई, पूजा सिंह, अनिलेश चन्द्र बाजपेई, शिवचरन, हरीलाल वर्मा, मंजू राजपूत, भरत सिंह राठौर, सर्वेश कुमार गुप्ता, रमेश सिंह भदौरिया आदि ने पुलिस को बताया कि कंप्यूटर साइबर कैफे चलाने वाला एजेंसी हेड नीरज कुशवाहा अपने मोबाइल नंबर में स्टेटस लगाकर कंपनी का प्रचार करता था।

जिसमें दिवाली ऑफर का विज्ञापन दिखाए जाते थे। वहीं सुमित कुशवाहा मार्केटिंग एक्सक्यूटिव कंपनी के अधिकारी होने की बात बोलकर अपने घर, दुकान, ऑफिस पर एक स्मार्ट एलईडी टीवी लगाने और 7,000 से 19,500 तक हर महीने कमाने की बात कहता था। जिसके एवज में प्रति व्यक्ति को 35 हजार से 1 लाख रु बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा झोठावारा कल्याण कुंज कांता चौराहा कलवल रोड जयपुर में देना होता था। उन लोगों ने बताया कि शातिर एड देखो कंपनी संजय नामक व्यक्ति से अनुबंध पत्र बना कर विस्वास जीतने के लिए दिया जाता था।

इसके साथ ही इनके गिरोह में और लोग भी शामिल थे। पीड़ितों के अनुसार नीरज बताता था कि कंपनी का सर्वर लगा हुआ है, पार्टी को सिर्फ लोकल टीवी उनके घर लगा दिया जाता था। जिसे बस प्रतिदिन 24 घंटे में से 6 घंटे व महीने में 20 दिन इस टीवी को चलाना होगा । कंपनी की ओर से 14,500 रु प्रति माह 5 वर्षों तक पूर्ण रूप से दिया जाएगा। पीड़ितों के अनुसार धोखा देकर व विश्वास में लेकर जालसाजी कूटरचित दस्तावेज तैयार कर 148 पीड़ित परिवार के लोगों से 81,00,000 लाख रुपये ठग लिया गया। ठगी का एहसास होने पर जब उन लोगों ने रुपये मांगे तो आरोपी कार्यालय बंदकर भाग निकले।

चकेरी इंस्पेक्टर संतोष कुमार शुक्ला ने बताया कि पुलिस कमिश्नर के आदेश पर अनिल कुमार व अन्य की तहरीर पर नीरज कुशवाहा, सुमित कुशवाहा, प्रकाश चंद्र पारीक ला स्टांप विक्रेता, पूजा मैम, हरीओम, योगेश और 10-12 लोग अज्ञात सहयोगी के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करना, जालसाजी, आपराधिक विश्वासघात, धमकाना, किसी दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को असली के रूप में उपयोग करने की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

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