CM योगी का तोहफा: UP में इन लोगों को 30 हजार रुपए की अतिरिक्त सहायता देगी सरकार

लखनऊ, अमृत विचार। राज्य सरकार ने पीएम आवास योजना-2 शहरी (पीएमएवाई) के तहत मकान बनाने के लिए बुजुर्गों, विधवा व परित्यक्त महिलाओं को बड़ी राहत दी है। योजना में दुर्बल आय वर्ग, निम्न आय वर्ग के साथ ही इस बार मध्य आय वर्ग वालों को पात्र मानते हुए बुजुर्गों को जहां 30 हजार तो परित्यक्त और विधवा महिलाओं को निर्धारित अनुदान के अलावा 20 हजार रुपये की अतिरिक्त मदद दी जाएगी। 12 माह में मकान बनाने वालों को 10 हजार रुपये बतौर पुरस्कार दिए जाएंगे। इससे संबंधित नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी।
लभार्थियों को योजना के तहत मौजूदा प्रावधान में अनुदान के तौर पर ढाई लाख रुपये देने की व्यवस्था है। अब सरकार अपने स्तर से बुजुर्गों, विधवा व परित्यक्त महिलाओं को अतिरिक्त राशि देकर मदद करेगी। प्रस्ताव के मुताबिक इन मकानों को पांच साल तक न बेचा जा सकेगा और न दूसरे के नाम पर हस्तांतरित किया जा सकेगा। शहरी क्षेत्रों के लिए नगर विकास विभाग को जिम्मेदारी दी गई है।
योजना में चार श्रेणियां हैं। पहली ब्याज सब्सिडी, लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण, भागीदारी में किफायती आवास और किफायती किराए की आवास योजना। पहली योजना में लोन लेने वालों को बैंकों से ढाई लाख रुपये तक अनुदान मिलेगा।
दूसरी योजना में जिनके पास अपनी जमीन है, उस पर 30 वर्ग मीटर में निर्माण के लिए ढाई लाख रुपये तक अनुदान दिया जाएगा। तीसरी योजना में विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद इस योजना में बनाए गए दुर्बल आय वर्ग, निम्न आय वर्ग के साथ ही मध्य आय वर्ग को ढाई लाख रुपये तक छूट मिलेगी। चौथी योजना किराए के लिए मकान बनाए जाएंगे।
वहीं होंगे पात्र जिनका कोई मकान नहीं
योजना के लिए ऐसे परिवार पात्र होंगे जिनका देश में कहीं अपना कोई मकान नहीं है। एक लाभार्थी परिवार में पति, पत्नी, अविवाहित पुत्र और पुत्री को माना जाएगा। योजना में विधवा, अविवाहित महिलाओं, दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर्स, एससी-एसटी, अल्पसंख्यक और समाज के अन्य वंचित वर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी।
योजना में सफाई कर्मचारी, पीएम स्वनिधि योजना में लाभान्वित स्ट्रीट वेंडर, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में आने वाले कामगार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, भवन निर्माण और अन्य निर्माण श्रमिक, झुग्गियों व चालों में रहने वाले परिवारों के साथ वरिष्ठ नागरिकों को चिह्नित करने पर खास ध्यान दिया जाना है।
साइबर थानों के लिए वाहनों की खरीद को मंजूरी
राज्य मंत्रिमंडल ने एटीएस, पीएसी और साइबर थानों के लिए वाहनों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। गृह विभाग ने एटीएस के लिए 14 नए वाहन, पीएसी की 24 नई कंपनियों के क्रियाशील होने की वजह से 83 वाहन और साइबर क्राइम मुख्यालय एवं साइबर क्राइम थानों के लिए 62 नए वाहनों को खरीदने का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे बीते शनिवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये मंजूर किया गया है।
वहीं, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय को अलग-अलग करने पर भी मुहर लगाई गई है। हाल ही में इस प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से मंजूरी मिली। अब प्रशिक्षण निदेशालय अलग होगा। यह निदेशालय कौशल विकास के अधीन काम करेगा। व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल ने बताया कि दोनों निदेशालय अलग-अलग होंगे और दोनों के अलग-अलग निदेशक भी होंगे। दोनों निदेशालय के लिए जल्द ही कर्मचारी भी निर्धारित हो जाएंगे। प्रशिक्षण निदेशालय के लिए नई बिल्डिंग तैयार है। प्रशिक्षण निदेशालय व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास विभाग के अधीन होगा।
कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) गोरखपुर की प्रथम परिनियमावली को मंजूरी दे दी है। विश्वविद्यालय की ओर से पूर्व में इस नियमावली में आंशिक संशोधन किए थे। इसे मंत्री व प्रमुख सचिव से स्वीकृति मिली थी। इसी क्रम में इसे कैबिनेट से भी मंजूरी दे दी गई है।
यह भी पढ़ें:-शामली एनकाउंटर: STF ने एक लाख के इनामी अरशद व उसके तीन साथियों को मुठभेड़ में मार गिराया, इंस्पेक्टर भी घायल