जानें KGMU के डॉक्टर का श्री राम की प्रतिमा तोड़ने का सच... क्यों किया भगवान के नाम का इस्तेमाल

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में डॉक्टर पर अभद्रता करने और श्रीराम की प्रतिमा खंडित करने का आरोप लगाने वाले कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी खुद ही फंस गए हैं। केजीएमयू प्रशासन के मुताबिक कर्मचारी के खिलाफ डॉक्टर ने 14 जनवरी को शिकायत दर्ज कराई थी। कार्रवाई से बचने के लिए कर्मचारी ने उल्टा डॉक्टर पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए 21 जनवरी विभागाध्यक्ष को पत्र लिखा। फिर पत्र को सोशल मीडिया में वायरल कर दिया।

कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी नीरज कुमार सिंह ने आरोप लगाते हुए संस्थान प्रशासन से शिकायत की थी कि विभाग के एक डॉक्टर कमरे में आए। विभागाध्यक्ष की उपस्थित संबंधी जानकारी मांगी। जानकारी देने में असमर्थता जाहिर करने पर उन्होंने अभद्रता की थी। अरोप है कि डॉक्टर ने अभद्रता करते हुए मेज पर रखी राम की मूर्ति को फेंक दिया। इससे वह खंडित हो गई। डॉक्टर की शिकायत पर संस्थान प्रशासन ने नीरज का तबादला दूसरे विभाग में कर दिया था। प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी नीरज सिंह के खिलाफ विभाग के ही डॉक्टर ने 14 जनवरी को शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप हैं कि उन्होंने डॉक्टर के साथ अभद्रता की थी। इसको लेकर संस्थान में जांच चल रही थी। संस्थान की छवि धूमिल करने वालों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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