कानपुर से लखनऊ के बीच थ्री फेज मेमू चलाने की तैयारी, होंगे अत्याधुनिक कोच व टॉयलेट, स्टेशन से छूटते ही पकड़ेगी रफ्तार, लगेगा कम समय
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर से लखनऊ के बीच अत्याधुनिक थ्री फेज मेमू चलाने की तैयारी है। इसमें अत्याधुनिक कोच होंगे, जिनमें टॉयलेट होंगे और स्क्रीन पर स्टेशनों की जानकारी मिलती रहेगी। अभी सेंट्रल से उत्तर मध्य रेलवे के स्टेशनों के लिए एक दर्जन ट्रेनें संचालित हैं। ये पुरानी मेमू से अलग हैं।
एसीएम रेलवे संतोष त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ के लिए मेमू की डिमांड भेजी गई है। इस रूट पर यात्रियों की संख्या काफी बढ़ी है। अभी कानपुर से सूबेदारगंज, फफूंद, इटावा, झांसी, बांदा के लिए थ्री फेज मेमू चल रही है। थ्री फेज मेमू स्पीड और सेंसर सिस्टम में पुरानी मेमू से अलग है। यह स्टेशन से छूटते ही स्पीड पकड़ लेगी। नई मेमू से लखनऊ और कानपुर के बीच समय कम लगेगा।
वंदेभारत का रैक मेंटीनेंस मेमू शेड में होगा
वंदेभारत की रैक का मेंटीनेंस अब कानपुर मेमू शेड में होगा। इसके लिए वंदेभारत की 16 रैक शेड में खड़ा करने में आ रही दिक्कत जल्द दूर होगी। शेड में अभी 15 रैंक के मेंटीनेस का इंतजाम है। वर्तमान में सेंट्रल स्टेशन से चार छोड़कर इस रूट पर रैक मेटीनेस जोड़ी वंदे भारत ट्रेनों का आवागमन होता है, लेकिन वाराणसी को छोड़कर इस रूट पर रैंक मेंटीनेंस की व्यवस्था नहीं है।
इसे देखते हुए कानपुर के मेमू शेड में वंदेभारत रैक मरम्मत की तैयारी की गई है। महाकुंभ के कारण इस समय मेमू शेड में दिन-रात रैंक मेटीनेस का काम चल रहा है। मंडल यांत्रिक इंजीनियर (डीएमई) अभिषेक शमां ने बताया कि अब तक 8, 12 व 16 कोच की 82 रैक का मेंटीनेंस मिला है, इनमें 72 रैंक का काम पूरा करके प्रयागराज को सौंपा जा चुका है। अब वंदेभारत रैंक के मेंटीनेस पर विचार चल रहा है।
मेंटीनेंस के लिए गाजियाबाद जाती थीं ट्रेनेंः
कानपुर यानडामार से पहले सेंट्रल स्टेशन से चलने वाली ट्रेनों को मेंटीनेंस के लिए गाजियाबाद के कछियाना भेजा जाता था। वहां से मेंटीनेंस कराने में 3 से 4 दिन समय लग जाता था।
मेंटीनेंस के लिए गाजियाबाद जाती थीं ट्रेनें
कानपुर में मेमू शेड बनने से पहले सेंट्रल स्टेशन से चलने वाली ट्रेनों को मेंटीनेंस के लिए गाजियाबाद के कछियाना भेजा जाता था। वहां से मेंटीनेंस कराने में 3 से 4 दिन समय लग जाता था।
बड़े स्तर पर र रैक मेंटीनेंस का कार्य मेमू शेड में चल रहा है। दिन-रात काम होता है। इस समय 82 रैक पर काम किया जा रहा है। वंदे भारत की रैक का मेंटीनेंस भी यहां करने की योजना है। शेड में जगह का विस्तार होने के बाद काम चालू करा दिया जाएगा। - अभिषेक शर्मा, मंडल यांत्रिक इंजीनियर (डीएमई)
