कानपुर में यातायात सिपाही, होमगार्ड के भरोसे यातायात, ट्रैफिक सिग्नल खराब: टीआई, टीएसआई चालान में व्यस्त, जनता जाम से त्रस्त...

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है, यातायात में व्यवस्थित करने के लिए प्रशासन ने तमाम योजनाएं बनाई, ट्रैफिक सिग्नल लगाए, कंट्रोल रुम बनाकर चालान किये जा रहे हैं लेकिन शहर का यातायात संभलने का नाम नहीं ले रहा है। शहर में लगाए गए ज्यादातर ट्रैफिक सिग्नल  खराब हैं और यातायात ट्रैफिक सिपाहियों, होमगार्ड के भरोसे चल रहा है।

टाटमिल चौराहा की हालत ये है कि जब रेड या ग्रीन सिग्नल होता है तो वाहन सवार को पता ही नहीं है कि कितने सेकंड के लिए ये संकेतक रहेंगे। दूसरी ओर मूलगंज चौराहे पर लगा सिग्नल धूल खा रहा है, यहां सिग्नल का कोई काम नहीं है। यहां इलाकाई पुलिस और ट्रैफिक सिपाही मैनुअल ट्रैफिक चलाते रहते है। 

डिप्टी पड़ाव के आगे चंद्रिका देवी चौराहा, संगीत सिनेमा के ठीक सामने, श्यामनगर, किदवई नगर समेत शहर के कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां सिग्नल सफेद हाथी से ज्यादा कुछ नहीं हैं क्योंकि कोई देखता तक नहीं है कि यहां सिग्नल भी लगे हैं। 

दरअसल ज्यादातर टीआई, टीएसआई वाहनों के चालान करने का काम करते हैं जबकि सारी व्यवस्था ट्रैफिक सिपाही, होमगार्ड के भरोसे रहती है। वहीं, कई प्रमुख चौराहों पर जाम लगने से जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

जूही खलवा में भी सिग्नल बेमानी 

जूही खलवा में परमपुरवा मोड़ पर भी ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं लेकिन इस सिग्नल का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि यहां जूही थाना की पुलिस ने बेरीकेडिंग कर रखा है और ट्रैफिक के सिपाही, होमगार्ड ही मैनुअल तरीके से ट्रैफिक संभालते हैं। 

कंट्रोल रुम से ही नहीं जुड़े

शहर में दर्जनों बेजान चौराहे हैं लेकिन वहां सीसीटीवी कैमरे व ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं लेकिन यह सिग्नल कंट्रोल रुम से नहीं जुड़े हैं, यही कारण है कि यहां से गुजरने वाले वाहन लाल सिग्नल पर भी नहीं रुकते हैं। 

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