मुरादाबाद : पुलिस के सामने अहम सवाल, आलू के खेत में कहां से आए देसी हथगोले...जानिए क्या बोले ग्रामीण?

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंच कर साक्ष्य एकत्र किए, पुलिस पूछताछ में ग्रामीण बोले- हिंसक जंगली पशुओं से बचाव को खेतों पर लगाते हैं देसी बम

पाकबड़ा में धमाके के बाद घटनास्थल पर जांच करते पुलिस अधिकारी।

मुरादाबाद, अमृत विचार। आलू के खेत में बम फटने से दो बच्चे जख्मी हो गए हैं। बम फटने की घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है। पुलिस के सामने अहम सवाल है कि खेत में बम कहां से आए? बम क्यों लाए गए और इसे बनाने वाला कौन है? अभी तक ग्रामीणों से पूछताछ में सामने आया है कि हिंसक जंगली पशुओं से बचाव के लिए ग्रामीण खेतों में ऐसे देसी बम रखते हैं।

पाकबड़ा थाना क्षेत्र के गांव करनपुर में शाहीन पुत्र मोहम्मद हुसैन ने अपने खेत को संभल निवासी ताहिर को ठेके पर दे दिया था। ताहिर ने खेत में आलू बो रखे थे। मंगलवार की शाम आलू की खेत से जुताई कर उन्हें निकाला जा रहा था। गांव के काफी लोग वहां से आलू बीन रहे थे। आलू बीनते समय कुलदीप पुत्र विजयपाल उम्र 13 वर्ष, रॉबिन पुत्र अमित उम्र 8 वर्ष की नजर खेत की मेढ़ पर रखी बंद थैली पर पड़ी तो उसमें उन्होंने पत्थर फेंक कर मार दिया। पत्थर लगने के बाद दोनों बच्चे थैली के पास पहुंचे तो अचानक विस्फोट हुआ और दोनों बच्चे लहूलुहान हो गए थे। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और थैलिया तथा आसपास बिखरे सामान को कब्जे में ले लिया है। पुलिस की फाेरेंसिक टीम भी मौके पर जांच करने के लिए पहुंच गई है। टीम ने विस्फोट के बाद निकले टुकड़ों को एकत्र किया है।

सीओ हाईवे अंकित कुमार ने बताया कि बम कहां से लाए गए थे इसकी जानकारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों से पूछताछ में सामने आया है कि खेतों में हिंसक पशुओं से बचाव के लिए बम रखते हैं। इसके अलावा बेसहारा पशु खेतों में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। थाना प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि ग्रामीणों से पूछताछ के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। ग्रामीण फसल की सुरक्षा के लिए खेतों में ऐसे बम लगा देते हैं। उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया है कि बम देसी हथगोले की तरह हैं जिसे लोग घरों में बना लेते हैं।

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