Kanpur: ‘सडेन डेथ’ की घटनाओं से कार्डियोलॉजी में बढ़े मरीज, वायरल वीडियो ने बढ़ाई दहशत, सीने में जरा भी दर्द होने पर लोग गंभीर
कानपुर, अमृत विचार। सोशल मीडिया पर नाचते, गाते, हंसते, खेलते, पढ़ाई, जिम करते व दौड़ लगाने के दौरान हार्ट अटैक आने के वीडियो सामने आने और हाल में शहर में हुई ‘सडेन डेथ’ की कुछ घटनाओं के बाद काफी लोग दहशतजदा हैं। सीने में हल्का सा भी दर्द होने पर वह कार्डियोलॉजी संस्थान में जांच और इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इसके चलते कॉर्डियोलॉजी की ओपीडी में भीड़ बढ़ गई है।
रावतपुर स्थित कार्डियोलॉजी संस्थान में इन दिनों प्रतिदिन एक हजार के आसपास मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक इनमें औसतन करीब 150 मरीज ऐसे होते हैं, जिनको दिल से संबंधित कोई समस्या नहीं होती। किडनी, पथरी, गैस आदि की समस्या या मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से सीने में हल्का दर्द उठता है।
इसमें युवा वर्ग के साथ ही अधेड़ उम्र के लोग भी शामिल हैं। इसी तरह थायराइड व माइग्रेन जैसी समस्या की वजह से चक्कर आने (बेहोशी) पर भी 50 से 60 मरीज दिल की बीमारी समझकर कार्डियोलॉजी पहुंचते हैं। नतीजन ओपीडी में मरीजों का लोड बढ़ा है और दिल से संबंधित जो वास्तविक मरीज हैं, उनको परेशानी का सामना करना पड़ता है। कार्डियोलॉजी के निदेशक डॉ.राकेश वर्मा ने बताया कि किडनी, पथरी और गैस की तकलीफ को दिल का रोग समझने वाले मरीजों की ओपीडी में संख्या बढ़ी है।
दिल से संबंधित बीमारी की अधिक जानकारी नहीं होने पर तमाम लोग भ्रम की स्थिति में रहते हैं। सीने के आसपास किसी भी तरह के दर्द को हृदय रोग समझ बैठते हैं। हालांकि यह जागरूकता अच्छी है कि ऐसे दर्द को लोग हल्के में न लेकर तत्काल परामर्श के लिए दौड़ रहे हैं। यह सही भी है कि सीने व उसके आसपास किसी तरह का दर्द होने पर दिल से संबंधित दर्द की संभावना हो सकती है। ऐसे में तत्काल डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
शाम पांच बजे तक ओपीडी में परामर्श
कार्डियोलॉजी के निदेशक ने बताया कि अस्पताल में मरीजों की लाइन सुबह से लगने लगती है। एक मरीज को देखने में करीब 10 से 15 मिनट लगते हैं। मरीजों की संख्या अधिक होने पर ओपीडी का शाम पांच-छह बजे तक संचालन होता है।
