Gonda News : प्रयागराज भगदड़‌ में गोंडा के दो श्रद्धालुओं की मौत, मृतक के परिवार की एक महिला भी लापता

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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गोंडा, अमृत विचार : प्रयागराज महाकुंभ में मंगलवार की रात हुए हादसे में कई श्रद्धालुओं की जान चली गयी। मृतकों में जिले के दो भी श्रद्धालु शामिल हैं। मृतकों की पहचान देहात कोतवाली रुपईडीह गांव का रहने वाले ननकन व तरबगंज के शीशौ गांव के रहने वाले रामनरेश के रूप में हुई है। मृतक ननकन के परिवार की एक महिला अब भी लापता बताई जा रही है। हादसे की खबर से मृतकों के परिवार में कोहराम मचा है।

देहात कोतवाली रुपईडीह गांव का रहने वाले ननकन (47) अपनी पत्नी रामादेवी व अन्य परिजनों के साथ सोमवार को महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज गए थे। मंगलवार की शाम वह अपने परिजनों के साथ गंगा तट पर मौजूद थे। इसी बीच अचानक से भगदड़‌ मच गयी और ननकन नीचे गिर कर दब गये। भीड़ उन्हे कुचलते हुए निकल गयी। पुलिस कर्मियों ने घायल ननकन को एंबुलेंस की मदद से मेडिकल कालेज भेजा लेकिन रास्ते में ही ननकन की मौत हो गयी। तरबगंज के शीशौ गांव के रहने वाले रामनरेश(35) भी गंगा स्नान के लिए गांव के लोगों के साथ प्रयागराज गए थे। वह भी भगदड़‌ के बीच फंस गए और उनकी भी मौत हो गयी।

जिला पंचायत सदस्य रामधोख मिश्र ने बताया की शीशौ गांव के रामनरेश पुत्र रामदयाल अपनी पत्नी व गांव के लगभग 15 लोगो के साथ एक पिकअप गाड़ी में बैठकर दो दिन पहले महाकुंभ प्रयागराज गये हुए थे। रामनरेश भी रात में हुई भगदड़ की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई। शव लाने के लिए वाहन भेजा गया है। साथ में गए सभी लोग सुरक्षित है। हादसे की खबर से मृतकों के परिवार में कोहराम मचा है। परिवार के लोग शव आने का इंतजार कर रहे हैं। 

भीड़ देखकर धड़कने लगा दिल, फिर अचानक एक दूसरे के ऊपर गिरने लगे लोग

प्रयागराज हादसे में जान गंवाने वाले ननकन के साथ उनका भतीजा भी था। भतीजे ने रोते हुए फोन पर हादसे का आंखों देखा हाल बताया। कहा कि परसों यहां हम आए थे। यहीं रुके थे, फिर स्नान करने आए थे। जैसे हम वहां पहुंचे भीड़ बहुत देखा हमारा दिल धड़कने लगा। इसी बीच अचानक लोग एक दूसरे के ऊपर गिर पड़े। हम भी उसमें गिर पड़े थे। हमारे चाचा छोटे कद के थे। उनका नाम ननकन था। वह इसी में दब गए। एंबुलेंस के डॉक्टर ने बताया कि इनकी मौत हो गई।

हमने डॉक्टर से कहा कि हम शव को घर ले जाना चाहते हैं। डॉक्टर ने सहमति दे दी। उसके बाद पता चला कि मेडिकल कॉलेज लेकर चले गए। मेडिकल कॉलेज जानते नहीं कैसे चले जाएं। हम पहली बार स्नान करने आए हैं। कहा कि मेडिकल कॉलेज ले जाना था तो हमको भी साथ ले चलते। जब हमारे पास कोई प्रूफ नहीं है। तो हम वहां क्या बताएंगे। हमारे साथ नहाने मेरे दो चाचा, दो भाई, मेरी पत्नी, चाचा की पत्नी, भाई की पत्नी, भाई की सास और हमारे जीजा आए थे। भाई की सास अभी तक लापता है। वह नहीं मिल रही हैं।

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