न्यायिक हिरासत में भेजे गए सौरभ शर्मा और उसके दोनों सहयोगी, जानें मामला

भोपाल। छापों के बाद बेहिसाब संपत्ति के कारण चर्चा में आए परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके दोनों सहयोगियों चेतन गौर और शरद को आज अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए। लोकायुक्त पुलिस ने तीनों को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था। तब अदालत ने तीनों को चार फरवरी तक लोकायुक्त पुलिस की रिमांड पर सौंप दिया था। रिमांड अवधि समाप्त होने पर तीनों को आज लोकायुक्त पुलिस ने अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें पंद्रह दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
लोकायुक्त पुलिस की रिमांड के दौरान तीनों आरोपियों से पूछताछ की गयी, हालाकि पूछताछ के संबंध में लोकायुक्त की ओर से अधिकृत तौर पर कोई खुलासा नहीं किया गया है। दिसंबर माह के तीसरे सप्ताह में लोकायुक्त पुलिस ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर यहां छापे की कार्रवाई की थी। इस दौरान तीन करोड़ रुपए नगद, करोड़ों रुपयों के गहने और अचल संपत्ति संबंधी दस्तावेज मिले थे।
इसी कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग ने भोपाल के पास मेंडोरा के सुनसान स्थान से एक कार से दस करोड़ रुपए नगद और 50 किलोग्राम से अधिक सोना जप्त किया था। इस सोने की कीमत 30 करोड़ रुपयों से अधिक आकी गयी थी। यह कार सौरभ के सहयोगी चेतन गौर के नाम पर दर्ज थी। इसके बाद सौरभ और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने भी छापे की कार्रवाई की थी। लगभग चालीस दिनों बाद सौरभ शर्मा लोकायुक्त पुलिस की गिरफ्त में आया था। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने चेतन गौर और शरद जायसवाल को भी गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद से तीनों लोकायुक्त पुलिस की रिमांड पर थे।
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