नैनीतालः हैरान कर देना वाला मौसम, सैलानियों की संख्या में गिरावट
नैनीताल, अमृत विचार: हैरान कर देने वाला मौसम, महाकुंभ और दिल्ली चुनाव। कुल मिलाकर इस थ्री फैक्टर ने सरोवर नगरी के पर्यटन कारोबार को काफी हद तक प्रभावित किया है। हालांकि उम्मीद है कि अब इस सीजन में मौसम की स्थिति के साथ सुधार होगा।
नैनीताल के अलावा भीमताल, भवाली और रामगढ़ जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर इस बार भी बर्फबारी नहीं हुई, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट देखी गई है। स्थिति यह है कि जिले के अधिकांश होटलों, रिजॉर्ट और होमस्टे में उम्मीद के मुताबिक कारोबार नहीं हुआ। ऐसे में स्थानीय पर्यटन कारोबारियों के लिए यह समय आर्थिक रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
कभी नैनीताल में दिसंबर से मार्च तक बर्फबारी का आनंद उठाने के लिए पर्यटकों का तांता लगा रहता था, लेकिन अब यह नजारा बहुत कम देखने को मिल रहा है। मौसम में आए बदलाव के कारण नैनीताल में बर्फबारी कम होने लगी है। वर्ष 2019 में जनवरी माह में पांच बार बर्फबारी दर्ज की गई थी, जबकि 2022 में हल्की बर्फबारी हुई लेकिन इसके बाद अब तक जनवरी में बर्फबारी नहीं हुई है।
पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि नैनीताल में सर्दियों में अधिकतर पर्यटक केवल बर्फबारी का आनंद लेने आते हैं, लेकिन जब उन्हें यहां बर्फ देखने को नहीं मिल रही, तो वे उत्तराखंड की बजाय कश्मीर, हिमाचल प्रदेश या अन्य ठंडे इलाकों का रुख कर रहे हैं। इसका सीधा असर होटल और रिजॉर्ट व्यवसाय पर पड़ रहा है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
महाकुंभ और दिल्ली चुनाव का असर
इस बार पर्यटन में आई गिरावट के पीछे बर्फबारी की कमी के अलावा प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ और दिल्ली विधानसभा चुनाव भी एक बड़ा कारण माने जा रहे हैं। प्रयागराज में 144 साल बाद महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जिसके चलते देशभर से लाखों लोग वहां पहुंच रहे हैं। इसका असर उत्तराखंड के पर्यटन पर भी पड़ा है, क्योंकि आमतौर पर जो पर्यटक सर्दियों में नैनीताल जैसी जगहों पर घूमने आते थे, वे इस बार प्रयागराज की यात्रा को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पर्यटक वीकेंड पर नैनीताल घूमने आते थे, लेकिन चुनावी माहौल के कारण इस बार दिल्ली के लोगों का पर्यटन में कम रुझान देखने को मिला है।
होटल और नौकायन व्यवसाय पर बुरा असर
होटल और रिजॉर्ट संचालकों के अनुसार, पर्यटकों की कमी के कारण उन्होंने अपने कमरों के किराए में 50 प्रतिशत तक की कटौती की है, लेकिन इसके बावजूद अधिकतर होटल और होमस्टे खाली पड़े हैं। पिछले साल जनवरी में नैनीताल में 45 हजार 191 पर्यटक पहुंचे थे, जबकि इस बार यह संख्या घटकर महज 30 हजार रह गई है। इसके अलावा नैनीताल के प्रसिद्ध नौकायन उद्योग पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। नाव चालक समिति के प्रबंधक बिक्रम सिंह के अनुसार, इस साल जनवरी में नाव का कारोबार 70 फीसदी तक गिर गया है। पिछले साल जनवरी में 80 फीसदी तक नौकायन का कारोबार था, लेकिन इस बार यह घटकर सिर्फ 20 फीसदी रह गया है। रिक्शा चालक समिति के प्रबंधक एमबी जोशी के अनुसार, इस बार सर्दियों में कारोबार में बड़ी गिरावट हुई है।
रामनगर को मिली राहत, डेस्टिनेशन वेडिंग से फायदा
जहां नैनीताल और आसपास के इलाकों में पर्यटन उद्योग संकट में है, वहीं रामनगर में हालात थोड़े बेहतर हैं। रामनगर डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए एक प्रमुख स्थल बन गया है, और इस सीजन में यहां शादी समारोहों की बुकिंग अधिक रही है। फरवरी माह के लिए रामनगर के सभी प्रमुख होटल और रिजॉर्ट पूरी तरह से बुक हैं, जिससे यहां के पर्यटन कारोबारियों को राहत मिली है।
पिछले वर्षो की अपेक्षा इस साल जनवरी में पर्यटन बेहद प्रभावित रहा है। पर्यटकों का रुझान इस समय महाकुंभ की तरफ अधिक है। हालांकि आगे कारोबार बेहतर होने की उम्मीद है। -अतुल भंडारी, पर्यटन अधिकारी, नैनीताल
