Kanpur: खाने लायक नहीं आधी से ज्यादा खाद्य सामग्री, बाजार में 50 फीसदी से नमूने जांच में निकले फेल, अभियान से नहीं अंकुश

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। लोग सेहतमंद रहें तो कैसे, जब हर चीज में मिलावट हो रही है। खाद्य पदार्थों में अलग से फैट, खतरनाक रंग और केमिकल मिलाया जा रहा है। ऐसी मिलावटी चीजें खाकर लोग बीमार पड़े रहे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) द्वारा भरे गए खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच रिपोर्ट चौंकाने वाली है। 

50 फीसदी से ज्यादा नमूने जांच में फेल निकले हैं। यह हाल तब है, जब लगातार अभियान चलाकर हर माह मिलावटी खाद्य पदार्थों के नमूने भरने का दावा किया जाता है। सड़ी-गली, खराब सामग्री को मौके पर नष्ट कराया जाता है। मानकों के विपरीत संचालित होटल, रेस्टोरेंट और दुकानें सीज करने की कार्रवाई का दम भरा जाता है। लेकिन मिलावटखोरी बेलगाम हैं।  

40 % मानक से घटिया सामान 

बीते वर्ष एक अप्रैल से दिसंबर तक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने 598 प्रतिष्ठानों में छापेमारी करके 924 नमूने भरे। इसमें 714 खाद्य सामग्रियों की लैब में जांच हुई, जिसमें  368 नमूने फेल निकले। जिन खाद्य सामग्रियों के नमूने फेल हुए उनमें 293 अधोमानक और 62 सेहत के लिए असुरक्षित निकलीं। एक नमूना मिस ब्रांड तो 12 में नियमों का उल्लंघन पाया गया।  

सब्जी मसालों में कीटनाशक व पेस्टिसाइड 

एफएसडीए ने पिछले साल अशोक मसाला समेत 12 सब्जी मसाला कंपनियों पर छापा मारा था। 35 उत्पादों के नमूने जांच के लिए लैब भेजे गए। इनमें 23 की रिपोर्ट फेल आई। मसालों में पेस्टिसाइड और कीटनाशक की मात्रा अधिक मिलने पर इनकी बिक्री पर रोक लगाई गई। धनिया, गरम मसाला व मटर-पनीर मसाला में केमिकल समेत हानिकारक कीटनाशक मिले थे। हल्दी पाउडर में पेस्टिसाइड प्रोपरगाइट निकला था। इसका प्रयोग कीड़ों, मकड़ी से फसलों की सुरक्षा में किया जाता है। 

बीमार करने वाले रंग, अलग से फैट व पाम आयल मिला 

सहायक आयुक्त खाद्य-द्वितीय संजय प्रताप सिंह ने बताया कि त्योहारों पर पनीर, दूध, बेसन, कचरी, सॉस, तेल, नमकीन और मिठाइयों के नमूने लिए गए थे। इसमें कचरी व सॉस में खतरनाक रंग, दूध व पनीर में अलग से फैट की मात्रा और बेसन में केमिकल की मिलावट निकली। मिठाइयों में चमक के लिए अधिक मात्रा में फूड कलर मिलाया गया था। सरसों के तेल में पाम आयल की मिलावट मिली।

रेस्टोरेंट में एक्सपायरी जूस, दही व मेयोनेज 

सिविल लाइंस के एक रेस्टोरेंट में छापेमारी पर भीषण गंदगी के साथ पैक्ड जूस, दही व मेयोनेज एक्सपायरी मिले थे। पानी की बायोलॉजिकल व केमिकल रिपोर्ट भी नहीं मिली। टीम ने मिर्च पाउडर, पनीर, काजू का नमूना लेकर रेस्टोरेंट सीज करा दिया था।

लीवर व किडनी के साथ कैंसर का खतरा 

आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. प्रवीन कटियार ने बताया कि खाद्य पदार्थों में अलग से मिलाया गया फैट डायजेशन की समस्या दे सकता है। लीवर सिस्टम और आंतों पर दुष्पप्रभाव डालता है। किडनी का रोग पैदा कर सकता है। हानिकारक केमिकल कैंसर जैसी बीमारी का वाहक बन सकता है। मिलावटी तेल और घी का दिल पर दुष्प्रभाव पड़ता है। धमनियों में चिकनाई जमने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

इसलिए अक्सर बच जाते मिलावटखोर  

मिलावटखोरी पर कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन ऐसे अधिकांश मामले प्रशासनिक कोर्ट में स्थानांतरित हो जाते हैं। इस कारण मिलावटखोर न्यायालय की कार्रवाई से बच जाते हैं। सजा का प्रावधान कम ही लागू हो पाता है। जो नमूने असुरक्षित पाए जाते हैं, उन मामलों में रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है। कोर्ट में मुकदमा चलता है। ऐसे मामलों में सजा का प्रावधान है। 

छापेमारी टीमों को सक्रिय किया गया है। अभियान लगातार चलाए जा रहे हैं। ज्यादा अनियमितता पाए जाने पर होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट सीज करने की कार्रवाई की जाती है। लाइसेंस निरस्तीकरण कराया जाता है। मिलावटखोरों पर अंकुश लगाया जा रहा है। - संजय प्रताप सिंह, सहायक आयुक्त खाद्य-द्वितीय

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