कासगंज: शराब के ठेकों से हो रहा  है हरपदीय गंगा का गंगाजल दूषित

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ताओ ने की हटाने की मांग

सोरों, अमृत विचार। भगवान वराह की तीर्थनगरी सोरों में प्रतिबंध के बावजूद भी शराब की दुकानें खुली हुई हैं। माइनर के पास शराब की दुकाने होने के कारण हरपदीय गंगा में पहुंचने वाला गंगाजल गंदा हो रहा है। जिससे श्रद्धालुओ की भावनाएं आहत हो रही हैं। माइनर के पास से शराब की दुकानों को हटाकर पांच किलोमीटर दूर खोले जाने की मांग को लेकर बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ताओ ने रामलला चौराहे पर प्रदर्शन कर मांग को बुलंद किया है।

विश्व हिन्दू परिषद के प्रखंड सहसंयोजक राजेंद्र मोर्य ने बताया कि सोरों तीर्थ नगरी से तीन किलोमीटर की दूर शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन शराब की दुकानें डेढ़ किलोमीटर दूर पर ही संचालित हैं। शराब की दुकानों के आगे माइनर है। इस माइनर के माध्यम से गोरहा नहर से जल हरपदीय गंगा में आता है। शराब की दुकानें होने के कारण लोग शराब की खाली बोतले और खाने पीने का सामान माइनर में फेंक देते हैं। वह पानी के माध्यम से बाहर गंगा में आ जाता है। जिससे लोगों की भावनाए आहत होती हैं। माइनर को लोहे का पाइप डालकर पटवाया जाए, या फिर शराब की दुकानें माइनर के किनारे से बंद कराई जाए। यह मांग पिछली बार भी तीर्थ पुरोहितों द्वारा उठाई गई, लेकिन आज तक समाधान नहीं निकला। अगर इन दुकानों का बंद नहीं कराया गया, बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ता उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। मांग करने वालों में सुधांशू भारद्वाज, आयुष गुप्ता, आकाश गोस्वामी, श्रीकिशन कश्यप, दीपक सैनी, गोलू रावत, यश महेरे, दीपक पराशर, अमन कश्यप, हरगोबिन्द ठाकुर, माधव पसनावत आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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