Bareilly: पिता की मौत के बाद बेटा लेता रहा पेंशन, हजम कर गया 74.66 लाख रुपये...अब होगी वसूली

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Published By Vikas Babu
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राकेश शर्मा, बरेली। बदायूं के श्री कृष्ण इंटर कॉलेज के प्रवक्ता पद से सेवानिवृत्त पिता साेहन लाल शर्मा की मृत्यु के बाद उनका बेटा उमेश भारद्वाज पेंशन की रकम हथियाने के लिए स्वयं ही रिटायर्ड प्रवक्ता बन गया। वह यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों के साथ ही कोषागार के संबंधित वरिष्ठ सहायक की मिलीभगत से कूटरचित कागजातों के जरिए करीब 16 साल से हर माह 49 हजार की पेंशन लेता रहा।

उसने फर्जी तरह से 6089064 रुपये की रकम पेंशन के रूप में हड़प ली। सरकारी धनराशि में से बैंक और कोषागार के कार्मिकों को भी मोटी रकम खिलाई गई लेकिन करीब चार माह पहले मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय में जीवन प्रमाणपत्र जमा करने जाने के दौरान उमेश भारद्वाज का फर्जीवाड़ा खुल गया।

उमेश से मूल धनराशि सहित ब्याज मिलाकर करीब 7466149 रुपये की वसूली होगी। मुख्य कोषाधिकारी शैलेश कुमार ने जिलाधिकारी की अनुमति के बाद राजस्व की भांति सरकारी धनराशि वसूल कराने के लिए एडीएम एफआर को पत्र लिखा है। दरअसल, आजाद नगर कालोनी, कटरा चांद खां एवं वर्तमान पता, न्यू ओम सांई इन्क्लेव, डोहरा रोड निवासी साेहन लाल शर्मा श्री कृष्ण इंटर कॉलेज बदायूं के प्रवक्ता थे। 

सेवानिवृत्त के बाद सोहन लाल मुख्य कोषाधिकारी के माध्यम से मंडलीय उप शिक्षा निदेशक तृतीय मंडल से स्वीकृत पीपीओ संख्या P/M/16675/78 द्वारा अपनी पेंशन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया एसएसबी एके चौराहा के अपने खाते से पेंशन आहरित करते थे। मुख्य कोषाधिकारी शैलेश कुमार की ओर से 3 फरवरी को जिलाधिकारी को भेजी गयी रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रतिवर्ष की भांति जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए 2 सितंबर, 2024 की पूर्वाह्न करीब 11 बजे मुख्य कोषाधिकारी के कार्यालय में उपस्थित हुए। 

पटल सहायक ने उनका आधार कार्ड, पेन कार्ड, बैंक पासबुक एवं पेंशन पत्रावली का निरीक्षण किया। जिसमें यह तथ्य संज्ञान में आया कि उपरोक्त प्रमाणपत्रों पर जन्मतिथि 13 जनवरी 1919 के अनुसार करीब 105 वर्षीय पेंशनर के और उपस्थित व्यक्ति मात्र 55-60 वर्ष का प्रतीत हो रहा था। उपस्थित व्यक्ति एवं वास्तविक पेंशनभोगी सोहन लाल शर्मा की फोटो पूर्णरूप से अलग भी पायी गयी। 

उनके साथ आए व्यक्ति (जिन्होंने अपने को उनका पुत्र संबोधित किया) से गहनता से पूछताछ की गयी तो प्रथम दृष्यटत: व्यक्ति पूर्ण रूप से संदिग्ध/फर्जी प्रतीत हुआ। वहीं, विश्वबंधु गौतम कोषाधिकारी की अध्यक्षता में दो सहायक कोषाधिकारियों सहित गठित कमेटी ने जांच की। कमेटी ने 30 दिसंबर, 2024 को दी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि उमेश भारद्वाज ने पेंशनर की पेंशन पासबुक में चेक के माध्यम से प्रत्येक माह 49 हजार कूटरचित ढंग से पेंशन आहरित की थी।
तहसीलदार सदर की जांच में सोहन लाल की मृत्यु का सच आया सामने

3 सितंबर, 2024 को तहसीलदार सदर को जांच के लिए पत्र लिखा। जांच कर तहसीलदार सदर ने 5 अक्टूबर, 2024 को आख्या कोषागार कार्यालय भेजी। 21 अक्टूबर, 2024 को प्राप्त हुई जांच आख्या में बताया गया कि संबंधित पेंशन प्राप्त कर रहे साेहन लाल शर्मा की मृत्यु 19 सितंबर 2008 को ही हो चुकी है। आख्या से स्पष्ट है कि मृतक के आश्रित 31 जुलाई, 2024 तक करीब 60 लाख 89 हजार 64 रुपये निकाल चुके थे।

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