Moradabad : 5000 करोड़ के औद्योगिक प्रोजेक्ट को दो साल में भी नहीं लग पाए पंख, 16 हजार करोड़ रुपये के उद्यम का साइन हुआ था एमओयू

फरवरी 2023 को लखनऊ में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जिले से 16 हजार करोड़ रुपये के उद्यम का साइन हुआ था एमओयू

Moradabad : 5000 करोड़ के औद्योगिक प्रोजेक्ट को दो साल में भी नहीं लग पाए पंख, 16 हजार करोड़ रुपये के उद्यम का साइन हुआ था एमओयू

सेंचुरी पेपर मिल ठाकुरद्वारा सहित अन्य कई प्रोजेक्ट के इन्वेस्टर्स देख रहे प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरने की राह, दो साल हो रहे पूरे, 72 प्रतिशत कामर्शियल प्रोजेक्ट हो चुका है शुरू, अभी भी कई अधर में

मुरादाबाद, अमृत विचार। औद्योगिक विकास को गति देने के लिए लखनऊ में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जिले से 16,000 करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश का एमओयू साइन कर भेजा गया था। लेकिन, लगभग दो साल पूरे होने को हैं। अभी भी 5000 करोड़ के उद्यम को पंख नहीं लग पाए हैं। ऐसे में कई बड़े इन्वेस्टर्स अभी इन प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरने की राह देख रहे हैं।

10 फरवरी 2023 को उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन लखनऊ में किया गया था। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसमें 13 देशों से अधिक के उद्योगपति शामिल होकर एमओयू साइन किए थे। जिसमें मुरादाबाद से 16,000 करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश का प्रस्ताव किया गया था। इसका एमओयू उद्यमियों व प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों ने संयुक्त रूप से कर सरकार को दिया था। जिससे जिले में बड़े औद्योगिक क्रांति की उम्मीद जगी थी, क्योंकि इसमें 150 से अधिक कारोबारी उद्यम लगाने को तैयार हुए थे।

इसमें 4000 करोड़ रुपये की लागत का ठाकुरद्वारा में सेंचुरी पेपर मिल, के अलावा दलपतपुर में एथेनाल की फैक्ट्री आदि शामिल रहे। इसके साथ ही ऊर्जा, हाउसिंग के प्रोजेक्ट भी थे। लेकिन 2 साल होने पर भी अभी भी सेंचुरी पेपर मिल जिसका 400 करोड़ रुपये का एमओयू साइन किया गया अधर में है। ऐसे करीब 5000 करोड़ के एमओयू के उद्यम धरातल पर नहीं उतर पाए हैं। इसके इन्वेस्टर्स इसके शुरू होने की राह देख रहे हैं।

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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए जिले से 16,000 करोड़ के औद्योगिक इकाइयों के लिए निवेश कर उद्यमियों ने एमओयू साइन किया था। जिसमें से 72 प्रतिशत कामर्शियल प्रोजेक्ट में काम शुरू हो चुका है। करीब 5000 करोड़ के उद्यम शेष हैं जिसमें कुछ औपचारिकता चल रही है। सरकार की ओर से क्लीयरेंस मिल चुका है। कुछ काम उद्यमियों के स्तर पर भी लंबित है। उनका स्थलीय निरीक्षण कर काम पूरा कराया जा रहा है। सभी उद्यमियों को सरकार की बेहतर औद्योगिक नीति का लाभ हर हाल में मिलेगा। - योगेश कुमार, संयुक्त आयुक्त उद्योग

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