सड़कों के गड्ढों ने बढ़ाये स्पाइन और स्लिप डिस्क के मरीज: कानपुर के अस्पतालों में प्रतिदिन पहुंच रहे...नजरअंदाज न करें...

सड़कों के गड्ढों ने बढ़ाये स्पाइन और स्लिप डिस्क के मरीज: कानपुर के अस्पतालों में प्रतिदिन पहुंच रहे...नजरअंदाज न करें...

कानपुर, अमृत विचार। शहर में जर्जर सड़कों की वजह से बड़ी संख्या में लोग हड्डी संबंधी चोटों और बीमारियों की चपेट में आ रहे है। गड्ढों में वाहन जाने के कारण बुजुर्गों के साथ अधेड़ व युवाओं में भी स्पॉन्डिलाइटिस व स्लिप डिस्क की समस्या बढ़ रही है।

पुलों की दरारें भी कमर, पीठ, रीढ़ की हड्डी, गर्दन, हाथ व पैर के जोड़ों में झटके दे हैं। इसके चलते हैलट और उर्सला अस्पताल के अस्थि रोग विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन 400 से 500 मरीज हड्डी की समस्या लेकर पहुंचते हैं, इनमें औसतन 50 से ज्यादा मरीज ऐसे होते हैं, जो शहर की गड्ढे युक्त सड़कों की वजह से चलने-फिरने व उठने-बैठने की समस्या से पीड़ित मिलते हैं। 

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अस्थि रोग विशेषज्ञों के मुताबिक दो पहिया वाहन के पहिये गड्ढे में जाने की वजह से कमर से लेकर गर्दन तक रीढ़ की हड्डी में झटका लगता है, इसकी वजह से रीढ़ की हड्डी में दबाव पड़ता है। कई बार इस दबाव से पीड़ित के शरीर में न्यूरो संबंधी समस्या भी होने लगती है। इसके अलावा स्लिप डिस्क की दिक्कत आम है। डॉक्टरों के मुताबिक रीढ़ की हड्डी की संरचना काफी जटिल होती है। रीढ़ की हड्डी के जोड़ों का सीधा संबंध दिमाग से होता है। मस्तिष्क से सूचना आदान प्रदान में रीढ़ की हड्डियां काम करती हैं। 

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग विभागाध्यक्ष डॉ.संजय कुमार ने बताया कि नियमित गड्ढे में वाहन लेकर गुजरने पर स्पाइन डिस्क पर दबाव पड़ता है। उसके कार्टिलेज यानी साफ्ट टिश्यू, हड्डी की प्रोटेक्शन कवरिंग, जो स्प्रिंग की तरह काम करती है, बार-बार झटके लगने से क्षतिग्रस्त होने लगती है।- डॉ. संजय कुमार

उर्सला अस्पताल के वरिष्ठ अस्थि रोग सर्जन डॉ.आशीष मिश्रा ने बताया कि खराब या गड्ढे युक्त सड़क पर वाहन चलाने से रीढ़ की हड्डी के जोड़ के लिगामेंट, ज्वाइंट व कवरिंग क्षतिग्रस्त होने से कमर दर्द, गर्दन दर्द, हाथ-पैर में कमजोरी, झन्नाहट और सुन्नपन की समस्या होती है। दर्द से शुरू हुई समस्या रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर भी उत्पन्न कर सकती है।- डॉ.आशीष मिश्रा

 वरिष्ठ आर्थो सर्जन डॉ.केसरी मिश्रा ने बताया कि क्लीनिक में हर माह 10 से अधिक मरीज कमर, पीठ व जोड़ों में दर्द की समस्या से ग्रस्त होकर आते है। एमआरआई कराने पर स्पाइन में समस्या की जानकारी होती है। हिस्ट्री पूछने पर मरीज वाहन गड्ढे में जाने और घर पहुंचने के बाद संबंधित हिस्से में दर्द तेज होने की जानकारी देते हैं।- डॉ. केसरी मिश्रा 

अपोलो हॉस्पिटल के डॉ.मानव लूथरा ने बताया कि गर्दन, पीठ, कमर में दर्द, जकड़न के साथ ही सुन्नपन या झुनझुनी का अहसास होने पर लापरवाही नहीं करनी चाहिए। इस समस्या की वजह से चलने-फिरने में समस्या आ सकती है। बचाव के लिए गड्ढों व खराब सड़कों पर वाहन धीमे से गुजारे और शरीर में कैल्श्यिम और आयरन की कमी न होने दें।- डॉ.मानव लूथरा

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