Rehmankheda Tiger News : 73 दिनों से बाघ दे रहा गच्चा, वनविभाग छान रहा जंगल का चप्पा-चप्पा
तेंदुए को रेस्क्यू करने के बाद वनविभाग एक्शन मोड में खंगाल रहा 40 बीघे का जंगल
Malihabad, Amrit Vichar: रहमानखेड़ा जंगल में लापता बाघ वन विभाग के लिए बड़ा सिर दर्द चुका है। करीब 40 बीघे के घने जंगल में और 15 किमी के दायरे में फैले केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) समेत 60 गांव में बाघ मूवमेंट कर रहा है। अब तक बाघ को पकड़ने के लिए वनविभाग ने कई तरह की रणनीति अपना चुका है। बावजूद इसके बाघ तीन महीने से वनविभाग को गच्चा देकर अपना ठिकाना बदल रहा है। लिहाजा, विशेषज्ञों और वनविभाग की टीम जंगल के चप्पे-चप्पे में बाघ को तलाश रही हैं। मगर वनविभाग के हाथ खाली हैं। अभी बाघ की लोकेशन ट्रेस नहीं हो सकी है।
तेंदुए को रेस्क्यू करने के बाद बदली रणनीति
गौरतलब है कि 12 फरवरी की रात बुद्धेश्वर मंदिर के समीप एमएम लॉन में हो रही शादी समारोह के बीच एक तेंदुआ घुस आया था। तेंदुए को रेस्क्यू करने के बाद वनविभाग पूरी तरह से एक्शन मोड में आ चुकी है। जिसके तहत पुरानी रणनीति में बदलाव कर वनविभाग की टीमें बाघ को पकड़ने के लिए पूरा जंगल खंगालने में जुटी है। डीएफओ सिंताशु पाण्डेय ने बताया कि शुक्रवार को वनविभाग की टीम ने रहमानखेड़ा जंगल के तीनों जोन में व्यापक स्तर पर ट्रैकिंग और निगरानी अभियान चलाया। इस दौरान कहीं पर भी बाघ के पगर्माक नहीं पाए गए। जिसके बाद डीएफओ सीतापुर नवीन खण्डेलवाल की टीम ने कैमरा ट्रैप का भी विश्लेषण किया। बावजूद इसके बाघ की कोई भी गतिवधि नहीं पाई गयी। डीएफओ सिंताशु पाण्डेय ने बताया कि इस दौरान कई महत्पूर्ण प्रयास किए गए, इनमें कई जगहों पर लगाए गए कैमरा ट्रैप और थर्मल ड्रोन के जरिये निगरानी की गई, ताकि बाघ की गतिविधि का सटीक आकलन किया जा सके। फिर भी नतीजा शून्य रहा।
खंगाला जा रहा है जंगल का चप्पा-चप्पा
डीएफओ सिंताशु पाण्डेय ने बताया कि बाघ प्रभावित गावों में ट्रैकिंग की कार्यवाही की जा रही है। हथिनियों सुलोचना और डायना ने कॉम्बिग की । इसके अलावा जोन-1 और 2 में मोबाइल यूनिट से पेट्रोलिंग की जा रही है। पांच जनपदों से आई वनविभाग की टीम विशेषज्ञों के साथ जंगल का चप्पा-चप्पा खंगाल रहे हैं। आस-पास गांवों में जनजागरूकता अभियान चलाया। जिसमें मुनादी के माध्यम से ग्रामीणों को सर्तक रहने व सुरक्षा उपायों की जानकारी मुहैया कराई गई। इसके साथ ही ग्रामीणों से अनुरोध किया गया कि यदि वन्य जीव दिखायी पड़ता है तो फौरन वन विभाग को सूचित करें, ताकि उसे सुरक्षित रेस्क्यू किया जा सके।
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