मुरादाबाद : किशोरी से दुष्कर्म और गर्भपात में सौतेले पिता को 20 साल की सजा, कोर्ट ने 33 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया

मुरादाबाद, अमृत विचार। पॉक्सो कोर्ट ने किशोरी से दुष्कर्म और गर्भपात के आरोपी सौतेले पिता को दोषी करार देते हुए 20 साल कारावास की सजा सुनाते हुए आरोपी पर 33 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
थाना भोजपुर क्षेत्र में दो साल पहले हुई इस शर्मनाक मामले में अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाया। थाना भोजपुर में बीती 4 नवंबर 23 को महिला ने अपने पति के खिलाफ तहरीर देकर बताया था कि पति की मृत्यु के बाद उसने बीजना गांव के सुंदर से पुनर्विवाह कर लिया था। उसकी पहले पति से एक नाबालिग बेटी भी है। इस बीच पति सुंदर नाबालिग बेटी को जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म करता रहा। इससे वह गर्भवती हो गई। 26 अक्तूबर को पति सुंदर को बेटी के संग जबरदस्ती कर रहा था। उसने देख लिया और बेटी को बचाया।
आरोप है कि सुंदर ने इसके बाद मां-बेटी को धमकाना शुरू कर दिया। मामले में रिपोर्ट के बाद पुलिस ने सौतेले पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। केस की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट-3 रघुबर सिंह की अदालत में हुई। वादी की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक भूकन सिंह ने पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट पेश की। साथ ही इस केस में गवाही कराई। रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। गर्भपात की जानकारी भी अदालत को दी गई। इस पर बहस सुनने के बाद सुन्दर को दोषी ठहराया। शनिवार को कोर्ट ने दोषी सौतेले पिता को 20 साल कारावास की सजा और 33 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
किशोरी से दुष्कर्म के दोषी के दोषी बदायूं के युवक को सात साल कारावास की सजा
मुरादाबाद। कोर्ट ने मूंढापांडे थाना क्षेत्र में किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को सात साल कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। थाना मूंढापांडे में बीती 7 सितंबर 2014 को एक किशोरी के पिता ने तहरीर देकर बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि उनकी 16 वर्षीय बेटी सुबह 10 बजे दुकान से सामान लेने गई, लेकिन वापस नहीं लौटी। पिता ने आरोप लगाया कि बेटी को बदायूं के मझोला निवासी सुरेश उसे अपने साथ ले गया था। पुलिस ने लोकेशन मिलने पर सुरेश को उसके घर से बरामद कर लिया। जिसके बाद केस की सुनवाई पॉक्सो कोर्ट-2 शैलेन्द्र वर्मा की अदालत में की हुई। विशेष लोक अभियोजक मनोज गुप्ता व मोहम्मद अकरम खां ने बताया कि अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनीं। गवाही व अन्य साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने सुरेश को दोषी ठहराया। कोर्ट ने नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म में गुनहगार मानते हुए सात साल की सजा व 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
ये भी पढ़ें : मुरादाबाद : लव जिहाद का शिकार हुई 10वीं की छात्रा, अगवा कर ले गया युवक