Lucknow News : विदेश में नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी, एयरपोर्ट पहुंचने पर पता चला वीजा और टिकट फर्जी
Lucknow, Amrit Vichar: खाड़ी देश कुवैत और जार्डन में नौकरी दिलाने के नाम पर उन्नाव व बिहार के सैकड़ों युवकों से ट्रैवल्स एजेंसी संचालक ने करोड़ों रुपये की ठगी की। इसका खुलासा अमौसी एयरपोर्ट पर पहुंचने पर हुआ। बोर्डिंग में चेकिंग कराते समय पता चला कि वीजा, पासपोर्ट और टिकट सब फर्जी है। उन्नाव के मो. आमिर ने अपने रिश्ते की मामी उसके दोस्त और दिल्ली की ट्रेवेल एजेंसी के खिलाफ सरोजनीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पीड़ित आमिर के मुताबिक वह उन्नाव के सराय हजीरा के मो. कासिफ अली गांव का रहने वाला है। पड़ोस में ही रिश्ते की मामी रेशमा रहती है। दिसंबर 2024 में रेशम ने बताया कि रायबरेली का रहने वाला तारिक उसका मित्र है। वह उन्नाव में ही कासिमनगर में रहता है। उसकी ऊंची जान पहचान है। कुवैत और जार्डन में मोटी सेलरी पर नौकरी लगवा देता है। तमाम लोगों को वह भेज चुका है। तारिक से मुलाकात हुई तारिक ने वीजा, पासपोर्ट और एयर टिकट का खर्च मांगा। उसको पहले 70 हजार रुपये फिर 30 हजार रुपये दिए गए। जनवरी में 40 हजार रुपये आन लाइन ट्रांसफर किए गए। इसके अलावा पड़ोस में रहने वाले मित्र दिलावर अली ने भी नौकरी के नाम पर एक बार 70 हजार फिर 1.20 लाख रुपये दिए। इसके अलावा गांव के छोटू, अबरार और अन्य ने भी रुपये दिए। तारिक और मामी ने नई दिल्ली उत्तमनगर प्लाट नंबर एक जैन रोड द्वारिका मोड़ स्थित पैराडाइज ट्रेवेल एजेंसी से टिकट और वीजा दिया। वीजा और टिकट उसी ट्रेवेल एजेंसी से बनवाए गए थे।
एयरपोर्ट पहुंचे 50 से अधिक ठगी के शिकार युवक
आमिर ने बताया कि वह साथियों के साथ 11 फरवरी को चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। वहां उसे बड़ी संख्या में और लोग भी मिले। वह लोग बिहार चम्पारण, मोतिहारी, देवरिया, प्रयागराज, फूलपुर, दिल्ली और कई अन्य जिलों के रहने वाले करीब 50 लोग थे। उनके पास भी उसी ट्रेवेल एजेंसी से टिकट और वीजा दिया गया था। उन्हें भी कुवैत और जार्डन जाना था। सभी बोर्डिंग में पहुंचे तो चेकिंग के दौरान कर्मचारियों ने बताया कि वीजा और एयर टिकट सब फर्जी है। मामी, तारिक और एजेंसी के नंबर पर फोन मिलाया वह सब स्विच आफ मिले। उन्नाव पहुंचा तो मामी और तारिक सभी फरार थे। घटना की जानकारी पुलिस और उच्चाधिकारियों को दी गई। सरोजनीनगर थाने में तहरीर दी। सरोजनीनगर इंस्पेक्टर राजदेव प्रजापति ने बताया कि तहरीर के आधार पर रेशम, तारिक और ट्रेवेल एजेंसी संचालक समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर लिया गया है। जांच की जा रही है।
प्लॉट के नाम पर सात लाख ठगे
तुलसी विहार निवासी विनय के मुताबिक पारा के गौरा में एक हजार वर्ग फीट जमीन का सौदा आठ लाख में नितिन कुमार ओबेरॉय से किया था। इसके लिए पांच लाख रुपये बैंक खाते में जमा कराये और दो लाख रुपये नकदी दिया। जमीन की रजिस्ट्री न करने पर रुपये वापस मांगे। बार-बार रुपये मांगने पर आरोपी जान से मारने की धमकी देने लगा। पीड़ित ने पारा थाने में तहरीर दी। इंस्पेक्टर पारा सुरेश सिंह के मुताबिक रिपोर्ट दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
साइबर जालसाजों ने तीन से ठगे 1.17 लाख
आशियाना के मारूतिपुरम सुभाष चंद्र ने बताया कि एक दैनिक समाचार पत्र में वैवाहिक विज्ञापन देखा। जिसमें दिये गये नंबर पर संपर्क किया। लड़के के बारे में जानकारी हासिल की, बताया कि लड़का आईआरएस है। लड़के के बारे में डिटेल मांगने पर विज्ञापन में दिये गये नंबर पर बात करने वाली युवती ने 35500 रुपये जमा कराये। जब अपने स्तर से पता लगाया तो लड़के से संबंधित सूचना गलत निकली। लड़का आईआरएस नहीं बेरोजगार था। पीड़ित ने आशियाना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस मामले में जांच कर रही है।
वहीं, अलीगंज त्रिवेणीनगर निवासी शिवानी मिश्रा से जालसाजों ने ब्लड के लिए खाते में 53000 रुपये जमा करा लिये। शिवानी ने बताया कि कॉल करने वाले ने कहा कि उनके भाई ने रुपये लेने को कहा है। गूगल पे पर दो बार में रुपये ट्रांसफर करा लिये। ठगी का पता चलने पर अलीगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। उधर, अलीगंज सेक्टर-सी निवासी राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि उनके मोबाइल पर मैसेज आया और टेलीग्राम के एक ग्रुप में जोड़ दिया। इसके बाद रुपये कमाने का लालच देकर 28500 रुपये तीन बार में जमा कराये। इसके बाद उनकी आईडी ब्लाक कर दिया। पीड़ित ने अलीगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
डॉक्टर से एलडीए का प्लॉट दिलाने के नाम पर ठगे 96 लाख
अलीगंज सेक्टर-बी निवासी डॉ. आशीष पांडेय के मुताबिक आजमगढ़ के फूलपुर निवासी ज्ञानेश पाठक और अनुपम पाठक ने तीन वर्ष पहले गोमतीनगर योजना में प्लॉट दिलाने की बात कही। प्लॉट देखने गये, पसंद आने पर सौदा किया। दोनों ने प्लॉट अलीगंज सेक्टर-ए निवासी नीरज सिंह के नाम आवंटित होने की बात कही। बताया कि रुपये की कमी के कारण वह रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे हैं। एडवांस रुपये दें तो नीरज के प्लॉट की रजिस्ट्री हो जाए। डॉ. आशीष ने बताया कि आरोपियों ने उनसे 96 लाख रुपये लेने के बाद उनके और पत्नी डॉ. श्वेता के नाम पर रजिस्ट्री करा दी।
जब प्लॉट पर कब्जा करने पहुंचे तो जानकारी हुई कि रजिस्ट्री फर्जी है। इस मामले में एलडीए का कर्मचारी पवन कुमार इन जालसाजों से मिलकर फर्जीवाड़ा कर रहा है। उसने ही फर्जी कागज तैयार करवाकर नीरज के नाम पर जमीन करवाई थी। इंस्पेक्टर विभूतिखंड सुनील कुमार सिंह के मुताबिक डॉ. आशीष पांडेय की तहरीर पर एलडीए कर्मचारी पवन कुमार, नीरज सिंह, ज्ञानेश पाठक और अनुपम पाठक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
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