बदायूं : झूठी गवाही करने पर न्यायालय ने दर्ज कराया मुकदमा

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Published By Pradeep Kumar
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युवक ने एक व्यक्ति को फंसाने के लिए दी थी झूठी गवाही

बदायूं, अमृत विचार। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने न्यायालय में झूठी गवाही देने के मामले में परवेज नाम के व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश कार्यालय लिपिक को दिया है कि परवेज को न्यायालय में झूठा शपथ पत्र देकर गवाही करने के अपराध में भारतीय न्याय संहिता की धारा 379 के तहत वाद दर्ज करके नोटिस जारी करें। मंगलवार को केस की सुनवाई होगी।

कोतवाली बिल्सी में एक केस साल 2024 में पंजीकृत हुआ था। जिसमें जाने आलम को अभियुक्त बनाया गया। इसी मामले में परवेज ने न्यायालय में अपनी गवाही दर्ज कराई और पुलिस को दिए गए शपथ पत्र में जो बात कही वह झूठी निकली। उसने विजय वार्ष्णेय नाम के व्यक्ति को झूठा फंसाने के लिए उसका नाम लिया। 18 अक्टूबर 2024 को हुई घटना में परवेज का कहना है कि उसने विजय वार्ष्णेय और उसके नौकर जाने आलम को खंडहर वाली साइड से निकलते देखा था। वह उसी तारीख को निजी काम से दिल्ली चला गया। जब 3 दिसंबर को विवेचक को बयान दिए तब भी उसने यही बात कही जबकि परवेज ने यूट्यूबर को अपनी बाइट दी। जिसमें बताया कि वह घटना वाली जगह पर ही मौजूद था। उसने अपने आप को मरने वाली का मामा बताया था। कहा था कि वह उस दिन दिल्ली चला गया। यह बात गलत निकली। तब न्यायालय ने पाया कि मृत्यु दंड जैसे अपराध में अतिरिक्त झूठी गवाही कर रहा है और विजय वार्ष्णेय को फंसाए जाने के लिए झूठी गवाही कर रहा है। इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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