उत्पीड़न से परेशान गन्ना पर्यवेक्षक ने किया आत्महत्या का प्रयास, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती, कर्मचारियों में आक्रोश

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Published By Virendra Pandey
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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, जानिए क्या कहा

लखनऊ, अमृत विचार। बुलन्दशहर में गन्ना पर्यवेक्षक के पद पर तैनात नरेन्द्र कुमार ने जिला गन्ना अधिकारी से परेशान होकर आत्महत्या का प्रयास किया है। जिसके चलते वह गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन अभी तक आरोपित अधिकारी के खिलाफ विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है। यही वजह है कि गन्ना पर्यवेक्षक संघ में आक्रोश बढ़ता जा रहा है और उसका असर आंदोलन के रूप में देखा जा सकता है।

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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गन्ना व गन्ना आयुक्त को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी है, साथ ही आरोपित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने दी है।  

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अतुल मिश्रा ने मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव गन्ना से मांग की है कि इस प्रकरण को गंभीरता से लिया जाए, जिससे शासन स्तर के उच्च अधिकारी द्वारा जांच कराते हुए दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हो सके।  

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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गन्ना व गन्ना आयुक्त को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि नरेन्द्र कुमार, गन्ना पर्यवेक्षक के पद पर अगौता, जनपद बुलन्दशहर में कार्यरत हैं। बीते कई माह से ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक और जिला गन्ना अधिकारी, बुलन्दशहर की तरफ से उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की जा रही थी, जिससे परेशान होकर नरेन्द्र कुमार ने 10 फरवरी को आत्महत्या का प्रयास किया। जिसके कारण वह अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती हैं।  

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उन्होंने बताया कि जानकारी के बाद भी स्थानीय प्रशासन व वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में कोई रुचि नहीं ली। जबकि लिखित सोसाइड नोट व ऑडियो क्लिप परिवार ने अधिकारियों को उपलब्ध कराया गया था और एफआईआर का अनुरोध किया गया।  

अतुल-मिश्रा
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा

 

इस वजह से संघ के सभी सदस्य स्तब्ध और आक्रोशित हैं। यही वजह है कि गन्ना पर्यवेक्षक संघ के अध्यक्ष मनोज राय व महामंत्री सुशील कुमार यादव ने गूगल मीट पर पदाधिकारियों से बात कर निर्णय लिया कि 20 फरवरी से 22 फरवरी तक काला फीता बांधकर कार्य किया जाएगा और ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा। इसके बाद आंदोलन की घोषणा की जाएगी।

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