बरेली: बिना सुविधाओं के भी पानी और सीवर टैक्स का बोझ, लोग परेशान

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार। शहर के कई इलाकों में अब तक न पानी की पाइप लाइन पहुंची है न सीवर लाइन की सुविधा है, इसके बावजूद लोगों के हाउस टैक्स के बिल में सीवर और वाटर टैक्स जोड़ दिया गया है। इस गड़बड़ी की वजह से सैकड़ों लोगों को नगर निगम में टैक्स विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। नगर आयुक्त के पास भी ऐसी शिकायतों का ढेर लगा हुआ है। इसके बावजूद बिल ठीक नहीं हो पा रहे हैं, इस वजह से लोग टैक्स भी नहीं जमा कर रहे हैं।

नगर निगम कई वार्डों में अब तक न पानी की आपूर्ति शुरू कर पाया है, न ही वहां सीवर लाइन है। नदौसी, मुंशीनगर, कुर्मांचल नगर, एयरफोर्स कॉलोनी, सुभाषनगर, खलीलपुर, हजियापुर, संजयनगर, पीलीभीत रोड, बंडिया समेत तमाम इलाके हैं जहां हजारों लोगों को ये दोनों सुविधाएं नहीं मिल रही हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें हाउस टैक्स के साथ वाटर और सीवर टैक्स का बिल भी भेज दिया गया है। तमाम लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने पानी का कनेक्शन नहीं लिया है, फिर भी उनके घर वाटर टैक्स का बिल पहुंच गया है।

बिलों की गड़बड़ियों का सीधा असर हाउस टैक्स की वसूली पर भी पड़ रहा है। वित्तीय वर्ष खत्म होने में अब सवा महीना ही रह जाने के बावजूद अब तक 40 फीसदी लक्ष्य भी पूरा नहीं हो सका है। कम वसूली की वजह से कई अधिकारियों का वेतन रोकने के साथ शासन ने बरेली नगर निगम को डी श्रेणी में डाल रखा है।

टैक्स विभाग की दो सफाई
बिलों में गलतियों के लिए जीआईएस सर्वे में हुई गड़बड़ियों को वजह बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि बिल सर्वे के आधार पर ही जारी किए जा रहे हैं।

पानी और सीवर की लाइन अगर सौ मीटर के दायरे में है तो नियम के मुताबिक उसका टैक्स बिल में जोड़ा जाना जायज है। अगर सुविधा ही नहीं तो अलग बात है।

विभागों से रिपोर्ट लगवाने में लग रहे हैं कई-कई दिन
हाउस टैक्स के बिल में गलत तरह से वाटर और सीवर टैक्स जोड़ दिए जाने की शिकायत लेकर पहुंचने वालों को जलकल विभाग से रिपोर्ट लगवाकर लाने को कहा जा रहा है। जलकल विभाग में भी अलग-अलग पटल पर दोनों टैक्स की रिपोर्ट लगाई जा रही है। लोगों को दोनों रिपोर्ट लगवाने में कई-कई दिन लग रहे हैं। इसके बाद आसानी से संशोधित बिल नहीं मिल पा रहा है।

सपा के पार्षद राजेश अग्रवाल का कहना है कि एक तो बिलों में भारी गड़बड़ियां हैं, दूसरे उनमें सुधार की गति इतनी धीमी है कि लोग टैक्स जमा नहीं कर पा रहे हैं। पार्षद सलीम अहमद कहते हैं कि उनके वार्ड के कई मोहल्ले में सीवर और पानी की पाइप लाइन ही नहीं है। फिर भी बिल में दोनों टैक्स जोड़कर सैकड़ों लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी गई है।

अगर पानी और सीवर टैक्स का गलत बिल आ गया है तो उसमें सुधार किया जा रहा है। इसे लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। नियमानुसार ही दोनों टैक्स लगाए जाते हैं- प्रदीप कुमार मिश्र, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी

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