Lucknow News : राजधानी में नवजात शिशुओं के सौदागर : सरगना व डॉक्टर समेत 6 लोग गिरफ्तार
निजी अस्पतालों डॉक्टर, कर्मियों का भी खरीदफरोख्त में हाथ
Lucknow, Amrit Vichar: मड़ियांव पुलिस व डीसीपी उत्तरी की क्राइम टीम ने मंगलवार को राजधानी में नवजात शिशुओं की खरीफ-बिक्री करने वाले गिरोह का खुलासा गया है। गिरोह ने लखनऊ सीतापुर समेत आसपास के कई जिलों के निजी अस्पतालों तक अपना नेटवर्क फैला रखा है। गिरोह के सदस्य अस्पतालों में बिन ब्हायी मां या बच्चा न पालने के लिए मजबूर दंपति से बच्चा लेकर जरूरतमंदों दंपति को बेच देते थे। गिरोह के सदस्यों ने बेटे का पांच और बेटी का तीन लाख रुपये दाम लगा रखा है। पुलिस ने निशानदेही पर विकासनगर निवासी दंपति के पास से एक बच्ची बरामद की है। जिसे गिरोह ने दो माह पहले बेचा था। पुलिस ने गोंडा निवासी सरगना, निजी अस्पताल के डॉक्टर समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
इंस्पेक्टर मड़ियांव शिवानंद मिश्रा के मुताबिक गोंडा के करनैलगंज स्थित रामगढ़ के गौरा पुरवा निवासी विनोद सिंह गिरोह का सरगना है। वह बीके सिंह के नाम से कंसल्टेंसी के माध्यम से वह अस्पतालों में मैनपावर, आया सप्लाई का काम करता है। इन कर्मचारियों के माध्यम से ही उसने दर्जनों निजी अस्पतालों तक नेटवर्क फैला रखा है। गिरोह का संचालन लखनऊ से किया जा रहा था। नेटवर्क में शामिल स्टाफ अस्पतालों में दो तरह के लोगों की तलाश करता था। एक वह जो बच्चा नहीं रखना चाहते थे और दूसरे वह जिनको बच्चा चाहिए। महिलाओं का काम गर्भवती की तलाश करना होता था। खासकर ऐसी गर्भवती जिनको बच्चा नहीं चाहिए या फिर किसी मजबूरी के कारण बच्चा पाल नहीं सकते हैं। अस्पतालों में काम करने वाली महिलाएं इसमें मददगार होती थी। उनके जरिये प्रसव तक पूरे इलाज का खर्चा गिरोह उठाता था। इसके बाद बच्चे का सौदा किया जाता है।
रेकी और छानबीन के बाद देते थे बच्चा
इंस्पेक्टर मड़ियांव के मुताबिक गिरोह के सदस्य नवजात का सौदा करने से पहले दंपति के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेते थे ताकि वह पुलिस के हत्थे न चढ़ सकें। जब उन्हें यकीन हो जाता था कि बच्चा खरीदने वाला जरूरतमंद है तभी बच्चा उनको सौंपा जाता था। महिला सदस्य पहले बच्चा खरीदने वालों से बात-चीत करती थी, इस दौरान अन्य सदस्य अपनी कार से उनके पीछे सहयोग के लिए चलते थे। पुलिस के मुताबिक अभी इस गिरोह में करीब एक दर्जन से अधिक सदस्य राजधानी में सक्रिय हैं। जिनका कनेक्शन निजी अस्पतालों से है। उनकी तलाश में पुलिस टीम जुटी है।
सोशल मीडिया से गिरोह तक पहुंची पुलिस
एसीपी अलीगंज ब्रज नारायण सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें संतोषी व नीरज गौतम द्वारा बच्चों की तस्करी करने की बातचीत की जा रही थी। उसके आधार पर नीरज और संतोषी को पकड़ा गया। पूछताछ में पता चला कि एक महिला ने सीतापुर के हरगांव के निजी अस्पताल में दो माह पहले एक बच्ची को जन्म दिया। मजबूरी के कारण उसे रखना नहीं चाहती थी। गिरोह में शामिल कुसुम ने बच्चे लेने के इच्छुक विकासनगर के दंपति को तलाश कर सौदा कराया। इस दंपति को शादी के 9 वर्ष बाद संतान नहीं हुई थी।
तीन लाख रुपये में सौदा तय हुआ। नीरज बच्चा लेकर सीतापुर से आया और दंपति को दे दिया। दंपति ने तीन लाख रुपये का भुगतान किया था। पुलिस इस बच्चे बरामद कर लिया है। पूछताछ में गिरोह के कई अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी मिली है। उनकी तलाश की जा रही है। अगर अन्य बच्चों की बिक्री भी बात सामने आती है तो उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इनको किया गया गिरफ्तार
एडीसीपी उत्तरी जितेंद्र कुमार दुबे के मुताबिक गिरोह के सरगना विनोद सिंह, भिठौली स्थित सुपर एलाएंस नर्सिंग होम का डॉक्टर एवं मैनेजर मड़ियांव आरजूनगर का डॉ. अल्ताफ, सीतापुर हरगांव के शीतलापुरवा का नीरज गौतम, विकासनगर न्यू आनंद नगर कुर्सी रोड की अस्पताल सहायिका कुसुम देवी, अटरिया छावनी गलैहरा की असपताल सहायिका संतोष कुमारी और महिंगवा सरावा की श्रीमती शर्मा को गिरफ्तार किया गया है।
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