Barabanki News : पदोन्नति के लिए छिपाया अपराध, दी झूठी जानकारी : DCRB में तैनात निरीक्षक पर प्राथमिकी

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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Barabanki: Amrit Vichaar : एसपी कार्यालय स्थित डीसीआरबी में तैनात एक निरीक्षक ने झूठी जानकारी देकर पदोन्नति हासिल कर ली। प्रारंभिक जांच में निरीक्षक दोषी पाया गया। जिस पर लिपिक की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। 

जानकारी के अनुसार निरीक्षक अंगद प्रताप सिंह वर्तमान में डीसीआरबी कार्यालय में तैनात हैं। उनके खिलाफ वर्ष 1999 में थाना कर्नलगंज कानपुर नगर में 395, 342, 399 भादवि के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। विवेचना के दौरान धारा 392, 342, 388 भादवि व 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप प्रमाणित पाए गए थे, जिसके आधार पर 2002 में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।

आरोप है कि वर्ष 2015-16 में पदोन्नति के दौरान उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को स्वघोषणा पत्र में छिपाया और यह दर्शाया कि उनके विरुद्ध कोई अभियोग लंबित नहीं है। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर पदोन्नति का लाभ प्राप्त कर लिया। इस मामले की जांच क्षेत्राधिकारी सदर हर्षित चौहान को सौंपी गई थी, जिसमें निरीक्षक दोषी पाए गए। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रधान लिपिक मीना भाटिया की तहरीर पर कोतवाली नगर में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। 

1999 में डकैती का मामला दर्ज, चार्जशीट कोर्ट में
बाराबंकी डीसीआरबी में तैनात निरीक्षक अंगद कुमार सिंह के कारनामे भी चौंकाने वाले हैं। इनके खिलाफ वर्ष 1999 में कानपुर के कर्नलगंज थाने में डकैती का मुकदमा दर्ज है। यही नहीं इस मामले में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया जा चुका। इसके बाद भी वर्ष 2015 में इसे पदोन्नति दे दी गई। इस कारनामे से पुलिसकर्मी के रसूख व दबाव का अंदाजा तो लग ही रहा है साथ ही महकमा भी कम दोषी नहीं, सिर्फ स्वघोषणा पर भरोसा करने वाले महकमे ने गुजरे इतिहास की पड़ताल करना जरूरी नहीं समझा। या फिर माना जाए कि उसका जादू सब पर छाया था।

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