मुरादाबाद : माफिया ने जमा कर दिया अधिकारियों के बंगले का टैक्स, गृहकर व जलकर जमा होने से मची खलबली

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Published By Bhawna
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सरकारी संपत्तियों पर दावा ठोंकने को माना जा रहा शातिराना चाल, जांच में जुटे नगर निगम के अधिकारी

मुरादाबाद,अमृत विचार। एक तरफ नगर निगम के अधिकारी गृहकर व जलकर वसूली के लिए सिर पटक रहे हैं। बड़े बकायेदारों का नाम सार्वजनिक कर उनसे बकाया वसूलने में लगे हैं। तो दूसरी तरफ माफिया ने जिले के आला अधिकारियों के बंगले व कार्यालय का टैक्स जमा कर शातिराना चाल चल दी है। इसे अधिकारियों के नाम पर आवंटित संपत्ति को हथियाने की साजिश माना जा रहा है। जिलाधिकारी को जब इसका पता चला कि उनके आवास का भी टैक्स किसी ने जमा कर दिया है तो उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को इसकी जांच के लिए पत्र लिखा तो हड़कंप मच गया। हालांकि नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि किसी के द्वारा केवल टैक्स जमा करने से मालिकाना हक नहीं मिल जाएगा।

एक तरफ जहां नगर निगम प्रशासन करोड़ों रुपये के गृहकर व जलकर वसूली के लिए प्रतिष्ठानों को सील कर रहा है। तो दूसरी ओर माफिया के द्वारा जिलाधिकारी के बंगले का हाउस टैक्स व जलकर जमा कर दिया। जब इसकी जानकारी जिलाधिकारी को मिली तो वह दंग रह गए। आनन फानन में उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को इसकी जांच के लिए आदेश दिया। जांच के दायरे में केवल जिलाधिकारी का बंगला ही नहीं आसपास के अन्य कई आलाधिकारियों के टैक्स जमा करने का रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। जिलाधिकारी के पत्र पर नगर निगम के अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए। किसके नाम पर कब से आवंटन चल रहा है। पिछला टैक्स कब जमा किया गया, किसने जमा किया। आईडी कैसे दूसरे के द्वारा इस्तेमाल की गई इन सभी बिंदुओं की जांच की जा रही हैं।

अपर नगर आयुक्त द्वितीय अजीत कुमार का कहना है कि ऐसी बात सामने आई है। जिलाधिकारी के द्वारा जो पत्र भेजा गया है उसकी गहनता से जांच कराई जा रही है। हालांकि नगर निगम में नाम दर्ज केवल टैक्स के उद्देश्य से होता है। जहां तक माफिया के द्वारा टैक्स जमा कराने की बात है यह तो पूरी जांच के बाद स्पष्ट होगा किसने और किस प्रकार टैक्स जमा किया। लेकिन, केवल टैक्स जमा कर देने से किसी को मालिकाना हक नहीं मिल जाता है। भवन स्वामी को भी अपनी संपत्तियों के प्रति सजग रहना होता है। जिलाधिकारी के पत्र के क्रम में जो भी निर्देश दिया गया है उसके हर बिंदु की जांच कराई जा रही है। आईडी जेनरेट होने आदि की पूरी जांच हो रही है।

पूर्व में एडीएम सिटी के न्यायालय में एक वाद एसएसपी के आवास व कार्यालय के टैक्स जमा होने से संबंधित आया था। इसको लेकर अन्य सरकारी कार्यालयों व अधिकारियों के आवासों के गृहकर व जलकर आदि के टैक्स जमा करने की आशंका को देखते हुए नगर निगम के अधिकारियों को जांच के लिए पत्र लिखा है। क्योंकि कई बार लोग गृहकर, जलकर आदि जमा करने के आधार पर स्वामित्व का दावा भी करते हैं। इसको देखते हुए विस्तार से जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। रिपोर्ट मिलने के आधार पर इसमें जो भी संलिप्त होगा उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। - अनुज सिंह, जिलाधिकारी

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