सरस मेले में बिच्छू घास की चाय कर रही लोगों को आकर्षित

Amrit Vichar Network
Published By Pawan Singh Kunwar
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हल्द्वानी, अमृत विचार: एमबी इंटर कॉलेज के मैदान में लगे सरस मेले में हस्तनिर्मित उत्पादों के कई स्टॉल लगे हैं। इन्हीं स्टॉलों के बीच स्टॉल नंबर 101 में अल्मोड़ा का प्रकृति माई समूह का स्टॉल लगाया गया है। जिसमें पहाड़ के विभिन्न प्राकृतिक उत्पादों  की बिक्री की जा रही है। स्टॉल में बिच्छू घास की चाय, बुरांश, नींबू, आंवला और गुलाब का स्क्वैश उपलब्ध है। समूह के बिच्छू घास की चाय को जीआई टैग मिल चुका है। समूह को अल्मोड़ा के डोल की रहने वाली  माया बहुगुणा चला रही हैं। उन्होंने 2020 में स्वरोजगार शुरू किया था जो आज एक बड़ा रूप ले चुका है। 

उनके साथ 10 से अधिक महिलाएं सीधे जुड़ी हुई हैं और समूह के तहत काम कर रही हैं। जबकि 50 से अधिक महिलाएं अप्रत्यक्ष रुप से काम कर रही हैं जो समूह को कच्चा माल उपलब्ध कराती हैं। समूह इन महिलाओं से बिच्छू घास, बुरांश, सतावर, आंवला, माल्टा आदि खरीदता है। समूह की ओर से बिच्छू घास की मिठाई भी तैयार की जाती है, जिसे लोगों की ओर से खूब पसंद किया जाता है।

साथ ही आंवले के लड्डू भी बनाकर बेचे जा रहे हैं। मसाला चाय भी लोगों की पहली पंसद बनी हुई है।  आंवले को तीन माह तक शहद में डुबोकर स्वादिष्ट कैंडी तैयार की जाती है। समूह संचालक माया ने बताया कि कोविड के बाद इन उत्पादों को लोगों ने अधिक प्राथमिकता दी, जिससे उनके काम को भी रफ्तार मिली। 


मधुमक्खी के पराग का इम्यूनिटी बूस्टर व पाती के अर्क का डीटैन पाउडर
समूह ने मधुमक्खी के पराग का इम्यूनिटी बूस्टर और पाती के अर्क का डीटैन पाउडर बनाया है। समूह संचालक माया ने बताया कि मधुमक्खियां विभिन्न फूल-पौधों में बैठकर अपने साथ पराग लेकर आती हैं, जिसे उनके छत्तों से शहद निकालने के दौरान संग्रहित किया जाता है। उन्होंने बताया कि पराग एक बहुत अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर है। जिसे युवाओं के साथ ही सभी उम्र के लोग ले सकते हैं। इसके साथ ही पाती के अर्क का डीटैन पाउडर भी आज के दौर में त्वचा की देखभाल के लिए अच्छा हर्बल उत्पाद है, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।  

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