Kanpur में DM ने उर्सला अस्पताल का किया निरीक्षण: कई कर्मचारियों को पाया अनुपस्थित, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की लगाई क्लास

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। उर्सला अस्पताल में मंगलवार सुबह स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच उस वक्त हड़कंप मच गया, जब अचानक से जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह अस्पताल पहुंचे। अचानक पहुंचने पर जिलाधिकारी को हेल्प डेस्क पर ताला लगा मिला। कर्मचारी अनुपस्थित मिले और डॉक्टर भी उपस्थित नहीं पाए गए। आयुष्मान वार्ड में किस डॉक्टर की ड्यूटी यह जानकारी तक उर्सला के निदेशक डॉ.एचडी अग्रवाल व सीएमएस डॉ.बीसी पाल नहीं दे सके। 

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह मंगलवार सुबह जैसे ही उर्सला अस्पताल पहुंचे तो वह मुख्य चिकित्सा अधिकारी कंट्रोल रूम गए, यहां पता चला कि इसके नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. आरके गुप्ता बिना कार्यालय में उपस्थित हुए ही किसी मीटिंग में चले गए। जब उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर देखा तो दो अन्य कर्मचारियों को भी नदारद पाया। यह उनको जानकारी हुई कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी न वार्ड का निरीक्षण करते है और न ही उनके द्वारा नियमित देखभाल किया जा रहा है। 

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सबसे अहम बात जिलाधिकारी को यह पकड़ में आई कि उर्सला अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के 30 से 35 कर्मचारी अटैच है, जबकि उर्सला में इतने कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है l इसके अलावा 20 बेड के आयुष्मान वार्ड में जिलाधिकारी को आठ मरीज भर्ती मिले, लेकिन वार्ड में एक भी डॉक्टर उपस्थित नहीं था। 

इस संबंध में जब उन्होंने अस्पताल के निदेशक डॉ. एचडी अग्रवाल व सीएमएस डॉ. बीसी पाल से पूछा कि इस वार्ड में किस डॉक्टर की ड्यूटी लगी है, इसपर अस्पताल के दोनों जिम्मेदार अधिकारी व मौजूद अन्य संतोषजनक उत्तर तक नहीं दे पाएं। 

जिलाधिकारी ने करीब 20 मिनट तक इंतजार किया, लेकिन कोई डॉक्टर वहां उपस्थित नहीं हुआl इसके बाद उर्सला में निदेशक के अधीनस्थ कर्मचारियों का उपस्थिति रजिस्टर देखा तो लिपिक किरण बिना साइन के नदारद थी। जबकि कर्मचारी राकेश मौर्य आकस्मिक अवकाश पर मिले।  हेल्प डेस्क पर ताला लगा मिला। मरीजों से पूछताछ पर पता चला कि कर्मचारी व डॉक्टर समय पर नहीं आते है। मरीजों को मूलभूत सुविधाएं देने के नाम पर मात्र खानापूर्ति की जा रही हैl 

उर्सला के निदेशक अब करेंगे ओपीडी भी 

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि घोर लापरवाही व अनुशासनहीनता को देखते हुए संबंधित एसीएमओ डॉ. आरके गुप्ता व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। साथ ही तीनों अनुपस्थित कर्मचारियों के वेतन रोकने के निर्देश दिए है।

इसके अलावा अस्पताल के अंदर सड़क को दुरुस्त कराने को कहा है। इसके अलावा उन्होंने अस्पताल के निदेशक व सीएमओ को निर्देश दिया कि वह नियमित तौर पर ओपीडी में मरीजों का इलाज करें , साथ ही ओपीडी की फोटो भी भेजे। अस्पताल परिसर में मरीजों के बैठने के लिए प्राप्त संख्या में चेयर लगवाए। सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस न करें, नहीं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी l

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