Bareilly: पहले जहां-तहां खोदीं सड़कें...फिर महीनों से निर्माण लटकाया

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Published By Monis Khan
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शहर के तमाम इलाकों का बुरा हाल, लंबे समय से अधूरे काम ज्यादा बड़ी मुसीबत

बरेली, अमृत विचार। शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए खुदाई का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ जो बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। कहने को स्मार्ट सिटी के काम पूरे हो चुके हैं लेकिन फिर भी जहां-तहां चौराहों और सड़कों को खोदा जा रहा है और खोदकर लंबे वक्त के लिए छोड़ दिया जा रहा है। इससे एक तरफ सड़कों पर पड़े मिट्टी के ढेर लोगों की दिक्कतों का कारण बन गए हैं तो दूसरी तरफ गहरे गड्ढे भी उनके लिए भारी खतरा बने हुए हैं।

शहर में लगातार चल रहे निर्माण कार्य इसलिए और लोगों की दिक्कतें बढ़ा रहे हैं क्योंकि कार्यदायी संस्थाएं नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। सबसे ज्यादा मनमानी ये है कि जिन कामों को कुछ दिनों में पूरा हो जाना चाहिए, उन्हें महीनों तक लटकाया जा रहा है। प्रशासन और नगर निगम के अफसर भी उन पर निगरानी की अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर रहे हैं। शहर के गली मोहल्लों ही नहीं, भारी भीड़भाड़ वाले प्रमुख स्थानों पर भी गहराई खुदाई कर जस का तस छोड़ दिया गया है।

खुदाई वहां भी कराई जा रही है जहां कुछ ही समय पहले स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से फुटपाथ का निर्माण कराने के साथ सौंदर्यीकरण कराया गया था। साल भर पहले बने कई फुटपाथ खुदाई से पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। नगर निगम में कोई यह भी देखने को तैयार नहीं है कि करोड़ों की लागत से बनाए गए ये फुटपाथ किसकी अनुमति से खोदे गए और दोबारा उनका निर्माण क्यों नहीं कराया गया।

खोदने में आगे, काम पूरा करने में पीछे
अय्यूब खां चौराहे पर अंडरग्राउंड केबल बिछाने के लिए कई जगह गहरी खुदाई की गई है। स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से बनाए गए फुटपाथ को भी उखाड़ दिया गया है। लंबा समय गुजरने के बाद भी यहां काम पूरा करने में कोई तेजी नहीं दिखाई जा रही है।


सिटी स्टेशन रोड पर खुदाई की गई है। इस रोड पर भारी ट्रैफिक रहने की वजह से ये खुदाई लोगों का सिरदर्द बनी हुई है। यहां भी काफी समय बाद भी काम काफी धीमी गति से चल रहा है। लोगों का कहना है कि मिट्टी के ढेरों से दिन भर धूल उड़ती है।

संजयनगर में इलाके में भी सड़क पर लंबे समय से खुदाई चल रही है जिसकी वजह से यहां यातायात प्रभावित हो रहा है। शहामतगंज में भी कई जगह फुटपाथ खोदे गए हैं और उन्हें जैसे का तैसा छोड़ दिया गया है। काम पूरा होने के बाद भी सड़क ठीक नहीं की गई।


डीडीपुरम में सीएम ग्रिड के लिए गहरी खुदाई की जा रही है। काम तेजी से कराने पर तो जोर है लेकिन मिट्टी को इधर-उधर सड़क पर फेंक दिए जाने से लोगों को दिक्कतें हो रही है। निरीक्षण करने वाले अफसर भी इस मनमानी को नजरंदाज कर देते हैं।

शहर के जिन वार्डों में ब्रांच सीवर लाइन डालने का काम किया जा रहा है, उनका भी बुरा हाल है। लोगों का कहना है कि महीनों से गड्ढे खुदे पड़े हैं। इससे उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, फिर भी काम काफी धीमी गति से कराया जा रहा है।

दबाए बैठे हैं रोड कटिंग का दो करोड़
बरेली: कई जगह नगर निगम को रोड कटिंग का पैसा देकर परमिशन लेने के बाद खुदाई की गई है। साल भर के अंदर नगर निगम को इस मद में दो करोड़ रुपये मिले हैं, लेकिन अफसरों ने इसमें से अब तक एक पैसे का इस्तेमाल खोदी गई सड़कों का दुबारा निर्माण कराने में नहीं किया है। इस वजह से जहां सड़कें खोदी गईं, वहां लोग दिक्कत में हैं। इनमें कई ऐसी सड़कें हैं जो नई-नई बनी थीं। अब ये उखड़कर और ज्यादा खराब हो रही हैं।

प्रदूषण की भी वजह बने बेतरतीब निर्माण कार्य
दिलचस्प ये भी है कि एक तरफ सरकार शहर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए अलग-अलग योजनाओं के तहत करोड़ों का बजट दे रही है, दूसरी तरफ अफसर इतनी तक जिम्मेदारी निभाने को तैयार नहीं हैं कि शहर में प्रदूषण बढ़ने से रोकने के लिए नियमों का सख्ती से पालन कराएं। स्थिति यह है कि सरकारी निर्माण कार्यों में भी नियमों का पालन नहीं हो रहा है। मिट्टी के ढेरों और निर्माण सामग्री को खुला छोड़ दिया गया है। मौसम खुश्क होने के साथ इन ढेरों से धूल उड़ने लगी है। कई इलाकों में धूल की वजह से लोगों को मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं।

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