Kanpur: डायबिटीज और हाई बीपी किडनी के लिए दुश्मन, लापरवाही हो सकती जानलेवा, रोजाना पीजीआई आते इतने मरीज...

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। अगर आपको डायबिटीज, हाई बीपी, ओबेसिटी, किडनी में स्टोन, ऑटो इम्युन डिजीज या हृदय संबंधी समस्या है, तो ऐसे में सचेत रहने की जरूरत है। यह सब किडनी के लिए हाई रिक्स कैटेगरी में आते हैं। ऐसे में विशेष सावधानी की जरूरत होती है। लापरवाही जानलेवा हो सकती है। लोगों को इसी बात के लिए जागरूक करने के लिए हर साल मार्च माह के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है।
 
जीएसवीएमएस पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग में प्रतिदिन एक ओपीडी में औसतन 60 मरीज किडनी की समस्या लेकर पहुंचते हैं, इनमें से प्रतिदिन डॉक्टरों को छह से सात मरीजों को भर्ती करना पड़ता है और दो से तीन मरीजों को डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। डॉ.सार्वभौम त्रिपाठी ने बताया कि जांच कराने पर अधिकांश मरीजों का डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर लेवल गड़बड़ मिलता है। इसके अलावा बिना डॉक्टर की सलाह के लंबे समय तक दवाओं के सेवन का भी किडनी पर दुष्प्रभाव पड़ता है, दवाएं चाहे ऐलोपैथिक हों या आयुर्वेदिक। 
 
हाई ब्लड प्रेशर किडनी को खून की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण और कमजोर कर देता है। यह समस्या किडनी से अपशिष्ट को छानने और तरल पदार्थों को संतुलित रखने में दिक्कत बढ़ा देती है। समय रहते अगर इसपर ध्यान न दिया जाए तो इससे किडनी डैमैज होने का जोखिम बढ़ जाता है। शुगर लेवल बढ़ने से भी किडनी को नुकसान पहुंचता है। हाई शुगर के कारण किडनी में रक्त वाहिकाओं और फिल्टरिंग इकाइयों को क्षति होने लगती है, जिन लोगों का शुगर लेवल अक्सर बढ़ा हुआ रहता है, उनमें किडनी डैमेज होने का खतरा अधिक होता है। 
 

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