गोंडा: शिक्षामित्रों के मानदेय भुगतान में लापरवाही, लेखा लिपिक निलंबित

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Published By Deepak Mishra
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वित्त लेखाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को भेजी गयी रिपोर्ट

गोंडा, अमृत विचार। शिक्षामित्रों के मानदेय भुगतान में हुई लापरवाही पर लेखा लिपिक पर गाज गिरी है। मानदेय पटल देख रहे लिपिक अरुण शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है। वित्त लेखाधिकारी ने यह कार्रवाई की है। इस कार्रवाई को आयुक्त की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं एडी बेसिक ने वित्त लेखाधिकारी को भी लापरवाही का दोषी ठहराते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी है। 

परिषदीय स्कूलों में बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से कार्यरत 146 शिक्षामित्रों को फरवरी महीने का मानदेय समय पर नहीं मिल सका था। इसको लेकर शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष अवधेश मणि मिश्रा ने समाधान दिवस में आयुक्त देवी पाटन मंडल शशिभूषण लाल सुशील को मांगपत्र सौंपा था और होली से पहले मानदेय भुगतान की मांग की थी‌। 

आयुक्त ने वित्त लेखाधिकारी को मानदेय भुगतान का निर्देश भी दिया था लेकिन लेखा विभाग ने आयुक्त के निर्देश को दरकिनार कर दिया। होली की पूर्व संध्या पर अवधेश मणि ने फिर से आयुक्त से मुलाकात की और मानदेय भुगतान न किए जाने की शिकायत की। आयुक्त ने एडी बेसिक से मामले की पड़ताल करायी तो पता चला कि बीएसए कार्यालय की तरफ से 5 मार्च को ही मानदेय पत्रावली लेखा कार्यालय को भेज दी गयी थी लेकिन लेखा लिपिक अरुण शुक्ला और वित्त लेखाधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित ने जानबूझकर फाइल को ट्रेजरी में नहीं भेजा। 

आयुक्त की नाराजगी के बाद डीएम नेहा शर्मा ने देर रात ट्रेजरी खुलवाकर शिक्षामित्रों का मानदेय भुगतान कराया था। एडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में वित्त लेखाधिकारी को लापरवाही का दोषी ठहराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी थी। खुद को घिरता देख अब वित्त लेखाधिकारी ने लेखा लिपिक पर कार्रवाई की है। लेखाधिकारी ने मानदेय भुगतान में हुई देरी का ठीकरा लेखा लिपिक अरुण शुक्ला पर फोड़ते हुए उन्हे निलंबित कर दिया है।

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