शाहजहांपुर स्वास्थ्य विभाग में घोटाले की परतें खुली, पूर्व अधिकारियों की बढ़ी मुश्किलें

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Published By Preeti Kohli
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शाहजहांपुर, अमृत विचार: स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले की परतें जैसे-जैसे खुल रही हैं। वैसे-वैसे संबंधित अधिकारी बचने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं। रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद दो पूर्व अधिकारी महानगर में देखे गए। बताया जा रहा है कि दोनों पूर्व अधिकारी वर्तमान अधिकारियों के साथ-साथ एक जनप्रतिनिधि के भी चक्कर लगा रहे हैं ताकि कहीं घोटाले के जांच की जांच उन तक भी न पहुंच जाए।

बीते कई माह से सीडीओ डॉ. अपराजिता सिंह स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ी की जांच कर रही हैं। इस दौरान पता चला है कि लगभग 21 लाख रुपये के 4390 चश्मे सिर्फ कागजों में ही बांट दिए गए हैं। कोविड काल में खरीदा गया लाखों का सामान डंप कर बर्बाद कर दिया गया। कई प्रसव केंद्र सिर्फ कागजों में ही संचालित किए गए। बताया जा रहा है कि घोटाले तीन अलग-अलग समय में किए गए हैं।

कोविड काल में खरीद कर सामान डंप कर दिया और वह खराब हो गया। एक तरह से सड़-गल गया। इसके लिए खरीद करने वाले तत्कालीन सीएमओ, एसीएमओ और स्टोर इंचार्ज सहित कुछ अन्य अधिकारी जिम्मेदार हैं। जबकि सिर्फ कागजों में चश्मा बांटने के लिए तत्कालीन सीएमओ, एसीएमओ, सीएचसी-पीएचसी प्रभारी और नेत्र परीक्षण अधिकारी जिम्मेदार हैं। इसी तरह प्रसव केंद्र, कोविड बचाव केंद्रों के कागजों में संचालन के लिए भी जिले से लेकर एमओआईसी जिम्मेदार माने जा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो इन कथित घोटालों में स्वास्थ्य विभाग के कम से कम दस अधिकारी जिम्मेदार निकलेंगे। अगर जांच के बाद एफआईआर दर्ज कराई गई तो सभी सलाखों के पीछे होंगे। बता दें कि डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर सीडीओ डॉ. अपराजिता सिंह स्वास्थ्य विभाग में अक्सर लगने वाले घोटालों के आरोपों की जांच कर रही हैं। हाल ही में संविदा चिकित्सक भर्ती को नियम विरुद्ध पाकर रद किया गया है। 

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