CUET Exam: नया सत्र करीब, CUET से प्रवेश पर असमंजस, अभी तक नहीं जारी हुई गाइडलाइन

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Published By Muskan Dixit
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शिक्षकों ने कहा- विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर लग जाएगा प्रश्नचिह्न

लखनऊ, अमृत विचार: उच्च शिक्षा संस्थानों में नए सत्र में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर भ्रम की स्थिति है। केंद्रीय विश्वविद्यालय में सीयूईटी (कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेंस टेस्ट) से प्रवेश होना है, लेकिन राज्य विश्वविद्यालय में इसे लेकर असमंजस है। सरकार ने राज्य विवि में सीयूईटी के तहत प्रवेश करने के निर्देश तो दिए हैं लेकिन गाइड लाइन जारी नहीं की है, जबकि नए सत्र के लिए प्रवेश की प्रक्रिया शुरू करने का समय आ गया है।

प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया था कि सीयूईटी के तरह राज्य सरकार भी प्रवेश व्यवस्था लागू करेगी। विश्वविद्यालयों के लिए इसका पालन करना अनिवार्य होगा। किंतु अभी तक सरकार की ओर से कोई गाइड लाइन जारी नहीं की गई है। दूसरी तरफ राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति की ओर से समर्थ पोर्टल से प्रवेश के लिए कहा गया है। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रवेश को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

सीयूईटी के तरह राज्य सरकार की प्रवेश व्यवस्था को लेकर शिक्षकों में उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है। इसके अलावा समर्थ पोर्टल के जरिये प्रवेश लेने पर शिक्षकों का कहना है कि इससे विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर प्रश्नचिह्न लगता है। सबसे बड़ी बात मेरिट के आधार पर छात्र-छात्राओं का प्रवेश लिया जाता था, लेकिन अब पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर प्रवेश होगा। नया सत्र को शुरू करने में देरी भी होगी। राजधानी में लखनऊ विश्वविद्यालय, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी राज्य विश्वविद्यालय हैं।

इतनी सीटों पर होना है प्रवेश

लखनऊ विश्वविद्यालय और 556 सहयुक्त महाविद्यालयों में करीब 51 हजार सीटें हैं, जिसमें सिर्फ लखनऊ विश्वविद्यालय में 2800 स्नातक की सीटें हैं। जिन पर प्रवेश के लिए लाखों की संख्या में छात्र आवेदन करते हैं। इसी तरह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में 3646, डॉ. शकुंतला मिश्र राष्ट्रीय पुनर्वास विवि में 1614, केंद्रीय विश्वविद्यालय की बात करें तो बीबीएयू में स्नातक की करीब 800 सीटें हैं। इन सभी सीटों पर छात्र-छात्राओं का प्रवेश किया जाना है।

लगभग सभी बोर्ड की परीक्षाएं समाप्त

यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं। जबकि इसी महीने के अंत तक आईसीएससी और सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी। इसके बाद स्नातक की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती रही हैं। जिसके लिए प्रवेश प्रक्रिया फरवरी के अंत या मार्च महीने से शुरू की जाती रही है। लेकिन इस बार मार्च माह आधा से अधिक बीत जाने के बाद भी प्रक्रिया अधर में है।

सबकुछ तो समर्थ पोर्टल के अनुसार ही चल रहा है। यदि विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया भी वैसे ही होगी तो विश्वविद्यालय की गुणवत्ता प्रभावित होगी। नए छात्रों के प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय अपनी प्रवेश प्रक्रिया करता रहा है। पहले आओ-पहले पाओ के अनुसार विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं होना चाहिए। लखनऊ विश्वविद्यालय पिछले कुछ वर्षो में तेजी से आगे बढ़ा है और राष्ट्रीय ग्रेडिंग में सम्मानजनक स्थान प्राप्त किया है।
डॉ. अनित्य गौरव, महासचिव, लखनऊ विवि शिक्षक संघ

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