Kannauj: सीएम साहब! जिला पंचायत अध्यक्ष, अफसर, अभियंता तक की कुर्सियां खाली, न किसी के आने का समय न ही जाने का निर्धारित
जिला प्रशासन का हस्तक्षेप न होने से बिगड़ रहे हालात
कन्नौज, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही जीरो टॉलरेंस नीति की बात करते हों। अफसरों को समय से कार्यालय में बैठकर समस्याएं सुनने की नसीहत देते हों और जन प्रतिनिधियों को भी जनता से जुड़े रहने की बात करते हैं। लेकिन जिला पंचायत में ऐसा कुछ नहीं है। इन दिनों जैसा हाल यहां कभी नहीं रहा। यहां न किसी के आने का समय निर्धारित है और न ही जाने का।
दूर-दूर काम से आने वाले लोग यहां कमरों में लगे ताले लगे देख निराश होकर लौट जाते हैं। एक अफसर बताते हैं कि उनका या जनपद के किसी अधिकारी का जिला पंचायत में कोई जोर नहीं रहता है। शासन ही संज्ञान लेता है या कार्रवाई करता है। जिला प्रशासन का हस्तक्षेप न होने से हालात बिगड़ रहे हैं। पेश है सोमवार को हकीकत से रूबरू कराती आंखों देखी रिपोर्ट...
निर्माण अनुभाग में ताला

यह तस्वीर जिला पंचायत में तल पर बने निर्माण अनुभाग कार्यालय की है। दोपहर में यहां ताला लटक रहा था। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले निर्माण कार्यों की पत्रावलियां व कार्य यहां ही होते हैं।
अध्यक्ष के कक्ष की कुंडी बंद

जिला पंचायत अध्यक्ष के कक्ष की कुंडी बंद थी। दोपहर तक यहां कोई नहीं था। लोगों का कहना है कि वैसे भी अन्य दिनों में अध्यक्ष तो आतीं नहीं हैं उनके पति प्रतिनिधि के तौर पर यहां बैठते हैं।
एएमए का कक्ष खाली

जिला पंचायत में अपर मुख्य अधिकारी (एएमए) भी सोमवार को दोपहर अपने दफ्तर में नहीं थे। उनकी कुर्सी भी खाली थी। सामने पड़ी कुर्सियों पर व आसपास कोई कर्मी भी मौजूद नहीं था।
पंखा चलता रहा...
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अन्य कक्षों की तरह कार्याधिकारी कार्यालय में भी सभी कुर्सियां खाली पड़ी थीं। कमरे में कोई नहीं था उसके बाद भी छत पर टंगा पंखा फर्राटे से चल रहा था। हालांकि दरवाजा बिना कुंडी बंद था।
अभियंता भी कक्ष में नहीं

फोटो-पी20 - तल पर ही स्थित अभियंता कक्ष का दरवाजा बाहर से बंद था। अंदर कोई भी मौजूद नहीं था। कुर्सियां खाली पड़ी थीं। बाहर लगी जाली टूटी पड़ी थी, जिससे अंदर का नजारा दिख रहा था।
