Kanpur: रमईपुर-कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे के लिए 68 गांवों में भूमि का अधिग्रहण; इन चार जिलों से होकर गुजरेगा समानांतर फोरलेन मार्ग 

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Published By Nitesh Mishra
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भूमि के भू उपयोग परिवर्तन और नए निर्माण पर पहले से ही लगा रखी गई है रोक

कानपुर, अमृत विचार। रमईपुर से हमीरपुर होते हुए कबरई तक  प्रस्तावित ग्रीन फील्ड फोरलेन हाईवे के अलाइनमेंट को सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय की कमेटी ने मंजूरी प्रदान कर दी है। जानकारी के मुताबिक यह फोरलेन हाईवे मौजूदा मार्ग के दाहिनी ओर बनाया जाएगा। 112 किलोमीटर लंबे इस मार्ग को कबरई से छतरपुर होते भोपाल जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ा जाएगा। इससे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की राजधानी के बीच आवागमन सुगम हो जाएगा। 

हमीपुर, कबरई से बड़े पैमाने पर गिट्टी, मौरंग कानपुर, लखनऊ, सीतापुर, गोंडा, बहराइच, अयोध्या, लखीमपुर जिलों को भेजी जाती है। हर दिन 30 हजार से अधिक डंपर और ट्रक गिट्टी, मौरंग लेकर जाते हैं। इस टू लेन हाईवे पर हर दिन दो लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं। 

इस कारण जाम लगता है। सर्वाधिक समस्या संकरे यमुना पुल पर होती है।  इस समस्या के समाधान के लिए ही फोरलेन समानांतर हाईवे की योजना बनाई गई थी। परियोजना के लिए तीन अलाइनमेंट बनाए गए थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रमईपुर के पास रिंग रोड से वर्तमान हाईवे के दाईं तरफ से समानांतर फोरलेन मार्ग बनेगा।  

कानपुर नगर, फतेहपुर, हमीरपुर व महोबा जनपदों की छह तहसीलों के 68 गांवों की भूमि का अधिग्रहण होगा। 112 किलोमीटर लंबे हाईवे के लिए करीब 37 सौ करोड़ रुपये बजट का आकलन किया गया है। जिन गांवों से यह हाईवे गुजरना है वहां भूमि के भू उपयोग परिवर्तन, किसी भी तरह के निर्माण पर पहले से ही रोक लगी हुई है। 

भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जल्द

सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की कोशिश है कि किसानों से आपसी सुलह समझौते पर भूमि का बैनामा कराया जाए ताकि कम समय में जल्दी भूमि मिल जाए और समय से टेंडर कराया जा सके। जब 80 फीसद भूमि मिल जाएगी तभी टेंडर होंगे।  

चार बड़े और छह छोटे पुल बनेंगे

समानांतर हाईवे पर चार बड़े, छह छोटे पुल बनेंगे। चार फ्लाईओवर और एक रेलवे ओवरब्रिज होगा। कुल 21 अंडरपास बनाए जाएंगे। 

औद्योगिक कॉरिडोर भी बनेगा

उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण और उप्र एक्सप्रेस वे समानांतर हाईवे के किनारे औद्योगिक कॉरिडोर के लिए भूमि का सर्वे करेंगे। इससे औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। 

इस परियोजना के मूर्त रूप लेने से न सिर्फ यातायात जाम से मुक्ति मिलेगी बल्कि औद्योगिक विकास भी होगा। परियोजना के लिए लगातार प्रयास कर रहा था। मंजूरी मिलना सुखद है।– देवेंद्र सिंह भोले, सांसद, अकबरपुर।

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