लखीमपुर खीरी: दुधवा में दो और गैंडे हुए आजाद, अब जंगल में बिना बाड़ के रहेंगे
पलियाकलां, अमृत विचार: दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में वायर फेंसिंग के अंदर रह रहे दो और गैंडों को गुरुवार को असम से आई एक्सपर्ट टीम की देखरेख में रेडियो कॉलर लगाकर जंगल की खुली हवा में छोड़ दिया गया। अब इनको मनचाहे स्थान पर घूमने की आजादी मिल गई। दुधवा में तारबाड़ से निकालकर खुले में घूमने वाले गैंडों की संख्या पांच हो गई है।
इससे पूर्व नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह में दुधवा नेशनल पार्क की दक्षिण सोनारीपुर रेंज के ककरहा ताल वाले सलूकापुर क्षेत्र के 27 वर्ग किलोमीटर में लगी ऊर्जा बाड़ से रघु नाम के नर गैंडे और विजय श्री व दीपाली नाम के मादा गैंडों को असम से आई एक्सपर्ट टीम एवं दुधवा पार्क की उच्चाधिकारियों की देखरेख में खुले जंगल में विचरण करने के लिए छोड़ा गया था। गुरुवार को दो अन्य गैंडों को जंगल के खुले वातावरण में छोड़ दिया गया।
इनमें एक नर तथा एक मादा गैंडा है। खुले जंगल में छोड़ने से पूर्व दोनों गैंडों का पशु चिकित्सकों की टीम ने स्वास्थ्य परीक्षण किया और उनके गले में रेडियो कॉल लगाया है। इनकी निगरानी के लिए वन कर्मियों का एक दस्ता डिस्प्यूट कर दिया है और दुधवा मुख्यालय पलिया में एक मॉनिटरिंग कक्ष बनाकर जिम्मेदार जानकार वनकर्मियों को लगाया है। अब छत्तीस गैंडे ऊर्जा बाड़ के अंदर रह गए हैं।
इसके अलावा पांच गैंडे बेलरायां रेंज अंतर्गत भी इसी प्रकार की ऊर्जा बाड़ घेरे में रखे गए हैं। जिनको भी आगे चलकर इसी तरह खुले जंगल में अवमुक्त किए जाने की योजना बताई गई है। गैंडे छोड़े जाते समय पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ अनुराधा वेमुरी, डायरेक्टर दुधवा डॉ. एच राजमोहन, डिप्टी डायरेक्टर डॉ रंगाराजू टी सहित असम से आई एक्सपर्ट टीम, पशु चिकित्सक व अन्य वनकर्मी मौजूद रहे।
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