Bareilly: पहले CAA का हौवा बनाया अब वक्फ कानून से डरा रहे -शहाबुद्दीन

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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बरेली, अमृत विचार। आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक बार फिर वक्फ संशोधन कानून को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इससे आम मुसलमानों का कोई नुकसान नहीं बल्कि फायदा होगा। चंद राजनीतिक लोग मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं कि मस्जिदें और मदरसे छीन लिए जाएंगे। ये सब मुसलमानों को भड़काने के लिए किया जा रहा है।

एक प्रेसवार्ता के दौरान शहाबुद्दीन ने कहा कि वक्फ कानून के खिलाफ उग्र धरना प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं। कुछ राजनीतिक लोग मुसलमानों की भावनाओं को भड़का कर अपने राजनीतिक लक्ष्य हासिल करते हैं। अनुभव बताता है और हमने खुद भी CAA के प्रकरण में देखा भी है, कि राजनीतिक लोगों के बहकावे में मुसलमान सड़कों पर उतरे और जगह-जगह धरना प्रदर्शन किए गए। ये प्रदर्शन चंद घंटों में उग्र हो गई और उत्तर प्रदेश में 27 नौजवानो की जान गई, सैकड़ों नौजवान जेल गए। आज भी बहुत सारे नौजवान जेलों में बंद हैं, जिनका कोई पुरसाने हाल नहीं। 

बच्चों को मिलेगा शिक्षा, विधवाओं के सहारा
मौलाना ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून गरीब व कमजोर मुसलमानों के हितों के लिए है। वक्फ जमीन से होने वाली आमदनी गरीब मुसलमानों की समाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने में लगाई जायेगी। वो परिवार जो गरीब है और अपने बच्चों को गरीबी की वजह से अच्छे स्कूलों में नहीं पढा पा रहे हैं, ऐसे बच्चों की आर्थिक मदद करके पढ़ाई लिखाई में आगे बढ़ाया जायेगा। यतीम बच्चों और विधवा महिलाओं की तरक्की के लिए काम होंगे। स्कूल, कालेज, मदरसे, अस्पताल व यतीमखाने खोले जायेंगे। 

धार्मिक स्थलों में सरकार नहीं करेगी हस्तक्षेप
शहाबुद्दीन ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल से धार्मिक स्थलों को कोई खतरा नहीं है। मस्जिदों, मदरसों, ईदगाहों, कब्रिस्तानों, दरगाहों को कोई खतरा नहीं है। इन धार्मिक स्थलों की स्थिति जैसी है वैसी ही रहेगी। इन धार्मिक स्थलों में हुकूमत कोई भी हस्तक्षेप नही कर सकती। मुसलमानों को कुछ राजनीतिक लोग अपने स्वार्थों का लाभ लेने के लिए गुमराह कर रहे हैं। लिहाला वह मुसलमानो से अपील करते हैं कि इन राजनीतिक लोगों के बहकावे और उकसावे में न आएं। 

CAA से नहीं छिनी किसी मुसलमान की नागरिकता
मौलाना ने आगे कहा कि बीते सालों 2019 व 2020 में जब CAA कानून आने वाला था तब राजनीति लोगों ने मुसलमानों को खूब गुमराह किया, और देश भर में विरोध प्रदर्शन हुआ और शाहीन बाग में महीनों धरना चलता रहा, यहां तक डराया कि आगर CAA कानून लागू हो गया तो मुसलमानो की नागरिकता छीन ली जायेगी, जबकि हकीकत मे ऐसा कुछ भी नही था, और CAA कानून लागू होने के बाद तमाम चीजें स्पष्ट हो गईं कि पूरे भारत मे किसी भी एक मुसलमान की नागरिकता नहीं छीनी गई, बल्कि नागरिकता प्रदान की गई है।

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