सबके लिए खुलेगा संस्कृत विश्वविद्यालय के सरस्वती मंदिर का द्वार, हाईटैक हो रहा CSU

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में आम जनता, छात्रों और शिक्षकों के लिए ऐसा मंदिर और परिसर स्थापित किया जा रहा है जहां जप, तप, अनुष्ठान, यज्ञ, भजन, पूजन आदि कोई भी कर सकता है। आजकल घरों में स्थानाभाव होता है और आध्यात्मिक माहौल मिलना कठिन होता है। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने आम जनता को इस प्रकार की सुविधा देने का निर्णय किया है।

कुलपति ने विभिन्न निर्माणाधीन और लंबित परियोजनाओं का निरीक्षण किया। यहां पर शैक्षणिक भवन का निर्माण किया जा रहा है जिसमें आधुनिकतम वृहदाकार पुस्तकालय, डिजिटल पुस्तकालय, आडिटोरियम, सेमिनार रूम, मल्टीपरपज हाल, संगणक विज्ञान प्रयोगशाला, भाषा विज्ञान प्रयोगशाला, भाषा तकनीकि प्रयोगशाला, मनोविज्ञान प्रयोगशाला आदि का निर्माण किया जा रह है। इन सभी का निर्माण कार्य एनबीसीसी कर रहा है।

कुलपति ने किया बैठक

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी परिसर के भवन निर्माण सम्बन्धी योजना और स्थल की समीक्षा करने के लिए नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्सन कारपोरेशन के अधिकारियों और तकनीकि विशेषज्ञों के साथ बैठक किए। सभी सुविधाओं से सुसज्जित अद्यतन अध्यापन कक्ष आदि निर्माण का कार्य एनबीसीसी को दिए जाने व एमओयू हस्ताक्षरित करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद कुलपति ने श्री सरस्वती मन्दिर सभागार एवं अनुष्ठान कक्ष का लोकार्पण किया।

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