भाजपा सांसद ने अमित शाह को लिखा पत्र, मुर्शिदाबाद समेत इन चार जिलों को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित करने की मांग की

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Published By Deepak Mishra
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कोलकाता। पुरुलिया से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल के कुछ सीमावर्ती जिलों को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) के तहत "अशांत क्षेत्र" घोषित करने का आग्रह किया है।

सांसद ने हिंदू समुदाय पर बार-बार हमले होने का आरोप लगाया है। महतो ने 13 अप्रैल को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद, मालदा, नदिया और दक्षिण 24 परगना जैसे जिलों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुई हैं लेकिन राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने "तुष्टिकरण" की राजनीति के कारण "आंखें मूंद" ली हैं।

उन्होंने दावा किया कि हाल ही में मुर्शिदाबाद जिले में 86 से अधिक हिंदुओं के मकानों और दुकानों को लूटा गया या नष्ट कर दिया गया तथा हरगोबिंदो दास नामक व्यक्ति और उसके बेटे समेत कुछ लोगों की हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि झाउबोना गांव में पान के बागानों में आग लगा दी गई। सांसद ने कहा कि सीमावर्ती जिलों में भी इसी तरह की अशांति फैली है।

वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर भड़की हिंसा का जिक्र करते हुए महतो ने आरोप लगाया कि भीड़ ने हिंदुओं के मकानों, सार्वजनिक संपत्ति और यहां तक ​​कि पुलिस बलों पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय को हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती का आदेश देना पड़ा, जिससे "राज्य की प्रशासनिक विफलता" उजागर हुई।

सांसद ने स्थिति की तुलना 1990 में कश्मीरी पंडितों के पलायन से करते हुए चेतावनी दी कि अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो बंगाल में भी ऐसे हालात पैदा हो जाएंगे। उन्होंने लिखा, "मैं आपसे बहुत सम्मानपूर्वक आग्रह करता हूं कि पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में अफस्पा लागू करें।"

उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम से कानून - व्यवस्था को बहाल करने, भविष्य में हिंसा को रोकने और हिंदुओं को आश्वस्त करने में मदद मिलेगी कि उन्हें उनके हाल पर नहीं छोड़ा गया है। इस बीच, रानाघाट से भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने भी शाह को पत्र लिखा और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में "बिगड़ती" कानून- व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।  

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