बीबीएयू में पढ़े, नए आयाम गढ़े... विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर सीएम योगी ने किया छात्रों को किया सम्मानित

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में पढ़कर निकले कई छात्र-छात्राओं ने सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। कुछ उद्योग और स्वरोजगार स्थापित कर न केवल देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे ही पांच पूर्व छात्रों को सोमवार को विश्वविद्यालय के 29 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मानित किया। चार सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट को भी पुरस्कृत किया गया।

मुख्यमंत्री योगी, कुलपति डॉ.आर के मित्तल, प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण, बुलंदशहर सांसद भोला सिंह, राज्यसभा सांसद नरेंद्र जाधव आदि ने बाबा साहब को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी आडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में योगी ने कहा कि आदि से अंत तक हमारी पहचान भारतीय के रूप में होनी चाहिए, ऐसा बाबा साहब भीमराव आंबेडकर कहा करते थे। वह जहां भी गए भारतीयता की पहचान स्थापित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपनी मूल परंपरा ऋषि मुनियों की भूला दिया, जिस कारण विदेशी आक्रांताओं को हमले का मौका मिला। कुलपति ने पंजाब की एक कहावत की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री को संत सिपाही कहा। मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर व्यवस्था सख्त होने से सैकड़ों छात्र-छात्राएं अंदर कार्यक्रम में प्रवेश नहीं कर पाए।

कानपुर जैसा हो गया बंगाल

हमारी मांगे पूरी हों, चाहे जो मजबूरी हो यह नारा ठीक तो लगता है लेकिन इसका दुष्प्रभाव कानपुर ने देखा है। करीब चार दशक पहले तक कानपुर उत्तर भारत का मानचेस्टर कहा जाता था, लेकिन आंदोलनों के कारण उद्योगों ने दम तोड़ दिया। कामगार सब्जी बेचने और मजदूरी करने को विवश हो गए। वही हाल कोलकाता का हुआ।

15 दिनों तक होंगी प्रतियोगिता

स्थापना दिवस पर सुबह भीम रन का आयोजन किया गया। इसके अलावा राष्ट्रीय संगोष्ठी भी हुई। बाबा साहब की राष्ट्र निर्माण की संकल्पना और संवैधानिक प्रतिबद्धता विषय पर आयोजित संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी। इसके अलावा 15 दिनों तक संविधान को लेकर विश्वविद्यालय में कार्यक्रमों आयोजित किए जाएंगे। इसमें वाद-विवाद, संगोष्ठी, भाषण प्रतियोगिता, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता होंगी।

इनको किया गया सम्मानित

2018 से एमबीए उत्तीर्ण करने वाले कमलेश गुप्ता उद्यमी हैं। उनकी वार्षिक आय 3 करोड़ है। आटोमोबाइल और कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में लगभग 70 लोगों को रोजगार दे रहे हैं।2002 में पर्यावरण विज्ञान में एमएससी करने वाले अरविंद कुमार ग्रीन अर्थ इंटरप्राइजेज का संचालन कर कर करीब 15 लाख रुपये वार्षिक कमा रहे हैं। इसी तरह 2017 में एमबीए करने वाले नवनीत गुप्ता स्वरोजगार के जरिये करीब 3 लाख रुपये वार्षिक कमा रहे हैं।2003 में इतिहास से एमए करने वाले अनिल कुमार आनंद सौर उर्जा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। उनकी वार्षिक आय करीब 70 लाख रुपए है। वर्ष 1999 में पुस्तकालय विज्ञान में पढ़ाई पूरी करने वाले तरुण चतुर्वेदी दिल्ली आईआईटी में कार्यरत हैं।

ये एनसीसी कैडेट हुए पुरस्कृत

शिखा कुमारी- सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट, सत्र 2022-25
अंकिता मिरी- सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट, सत्र 2022-25
सुजल सहाय- सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट सत्र 2022-25
शिवांश कुमार द्विवेदी- सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट सत्र 2022-25

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