Amarnath Yatra 2025 :इन दो अस्पतालों में जांच से अमरनाथ यात्री परेशान, मेडिकल के लिए करना पड़ रहा लंबा इंतजार
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लखनऊ, अमृत विचार। अमरनाथ यात्रा के लिए जाने वाले यात्रियों को फिटनेस प्रमाणपत्र लेने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वजह यह है कि इस बार अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की ओर से जिले के सिर्फ दो अस्पतालों को ही प्रमाणपत्र जारी करने की सूची में शामिल किया गया है। इसका असर तय दोनों अस्पतालों पर पड़ रहा है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। लोग कई दिन तक अस्पताल के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। परेशान श्रद्धालु अस्पतालों की संख्या बढ़ाने की मांग कर रहे हैं जिससे उनकी दिक्कतें कम हों और जल्द फिटनेस प्रमाणपत्र मिल जाए।
अमरनाथ यात्रा इस बार तीन जुलाई से शुरू होकर नौ अगस्त तक चलेगी। बाबा बर्फानी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के पंजीकरण 14 अप्रैल से शुरू कर दिए गए हैं। इस दिव्य यात्रा में जाने के लिए हजारों श्रद्धालु पंजीकरण से पहले सरकारी अस्पतालों में अपना मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जुटे हैं।
बिना फिटनेस प्रमाण पत्र मिले पंजीकरण नहीं हो सकता है। ऐसे में अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की ओर से देश के अलग-अलग राज्यों के सरकारी अस्पतालों की सूची अपनी वेबसाइट पर जारी की गई है। सूची में इस बार लखनऊ के सिर्फ दो अस्पताल हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय (सिविल) और राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मीबाई (आरएलबी) संयुक्त चिकित्सालय का ही नाम है।
पिछले साल पांच अस्पतालों में बने थे प्रमाण पत्र
बीते वर्ष बलरामपुर अस्पताल, लोकबंधु, बीआरडी महानगर, ठाकुरगंज टीबी संयुक्त और आरएलबी संयुक्त अस्पताल का नाम और डॉक्टरों की सूची मयनंबर के जारी की गई थी। इस बार बोर्ड की ओर से वेबसाइट पर दो अस्पताल का नाम दिए जाने से रोजाना अधिक संख्या में मरीज सिविल, आरएलबी संयुक्त अस्पताल में ही मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने जा रहे हैं। सिविल के सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि रोजाना 50 से 70 लोगों के मेडिकल बनाए जा रहे हैं। अब श्रद्धालुओं के प्रमाण पत्र की भीड़ और बढ़ने लगी है। आरएलबी के कार्यवाहक सीएमएस डॉ. पीके सक्सेना ने बताया कि अस्पताल में रोजाना 60 से 80 मेडिकल बनाए जा रहे हैं। इन अस्पतालों में काफी भीड़ होने से दूसरे मरीजों को अपनी जांच और इलाज में भी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
सूची में नहीं फिर इन अस्पतालों से फिटनेस प्रमाणपत्र जारी हो रहे क्यों?
दूसरी ओर वेबसाइट पर नाम न होने के बावजूद बलरामपुर अस्पताल और बीआरडी महानगर में प्रमाणपत्र बनाए जा रहे हैं। इसे लेकर भी आम श्रद्धालुओं में ऊहापोह की स्थिति है कि वह इन अस्पतालों से प्रमाण पत्र बनवाएं या नहीं। कहीं ऐसा न हो कि यात्रा के बीच में ही सिर्फ सूची वाले अस्पतालों को ही प्राथमिकता दी जाए और शेष को बैरंग वापस कर दिया जाए।
श्रद्धालुओं में नाराजगी
श्री अमरनाथ सेवा संस्थान प्रताप मार्केट अमीनाबाद के महामंत्री ओम प्रकाश निगम ओमी ने बताया कि बोर्ड से अभी तक लखनऊ के दो ही अस्पतालों के नाम भेजे गए हैं। पूर्व के कई साल में पांच अस्पतालों में मेडिकल बनाया जाता रहा है। हर साल संस्थान और श्रद्धालुओं की ओर से मांग की जाती रही है कि अस्पतालों की संख्या अधिक रखी जाए। लेकिन इस बार दो ही अस्पताल हैं।
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