Kanpur: कट और शॉर्टकट ने काट दी तीन जिदंगियों की डोर, कार में फंसीं शिक्षिकाओं और चालक को शीशे तोड़कर निकाला

कानपुर, अमृत विचार। जीटी रोड नारामऊ कट के पास यू टर्न पर कार और टूरिस्ट बस की भिड़ंत की आवाज बहुत दूर तक पहुंची। अचानक तेज आवाज व चीख के कारण हाईवे से गुजर रहे दूसरे वाहन भी अनियंत्रित हो गए। बस की गति भी ज्यादा थी। इसी कारण टक्कर होते ही कार करीब 10 फिट पीछे घिसट गई। कार का अगला हिस्सा पिचककर काफी पीछे चला गया। कार में फंसी शिक्षिकाओं और चालक को कार के दरवाजे और शीशे तोड़कर बाहर निकाला गया। कई बाइक सवार युवक वाहनों की हालत व मौके के हालात देखकर बेहोश भी हुए।
कल्याणपुर के कश्यपनगर निवासी श्रीकांत द्विवेदी का 27 वर्षीय बेटा विशाल ही नहीं अन्य चालक भी नारामऊ सीएनजी पंप जाने के लिए बिठूर थानाक्षेत्र के नारामऊ कट के पास शार्टकट का सहारा लेते हैं। वहीं इस यू टर्न पर अमूमन वाहनों की गति भी काफी होती है। हादसे के बाद मदद में जुटे आसपास के कई लोगों ने बताया कि कार जैसे ही यू टर्न पर पहुंची, सामने से तेज गति उमा टूरिस्ट की बस ने जबरदस्त टक्कर मारी। कार काफी दूर तक पीछे घसीटती गई। कार का अगला हिस्सा पीछे घुसने से शीशे व कार के दरवाजे तोड़कर सभी को वाहर निकाला गया। इसी बीच चालक बस छोड़कर भाग निकला। एनएचएआई एंबुलेंस से घायलों का अस्पताल भेजा गया। हाईवे पर क्षतिग्रस्त वाहनों के कारण जाम लगने पर क्रेन से वाहनों को हटाकर यातायात दुरुस्त कराया गया।
पुलिस के अनुसार कार चालक विशाल ने हाईवे पर कट के पास कार मोड़ते समय बगल में चल रही बाइक में टक्कर मारी थी। बाइक सवार शिक्षक अशोक कुमार बिल्हौर के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाने जा रहा था। वह भी घायल है, उसका किसी नर्सिंगहोम में इलाज चल रहा है। शिक्षिका आकांक्षा के पिता मकड़ी खेड़ा निवासी प्रमोद मिश्रा ने बताया कि कल्याणपुर नया शिवली रोड पर आकांक्षा तिवारी की ससुराल है। गुवा गार्डेन की रिचा अग्निहोत्री व विश्व बैंक बर्रा डी-सेक्टर की अंजुला मिश्रा की तैनाती उन्नाव के सफीरपुर क्षेत्र में ही थी। तीनों आपस में मित्र थीं, इसलिए एक साथ आती-जाती थीं। कल्याणपुर के ही कश्यपनगर निवासी चालक विशाल द्विवेदी से भी परिचित होने के कारण शिक्षिकाओं को सहुलियत मिलती थी, वह सभी को उनके घर से रिसीव करता था।
दो रास्तों से उन्नाव जाता था विशाल
विशाल के साथी अजय शर्मा ने बताया कि वह सुबह साढ़े पांच बजे घर से निकलता था। इसके बाद सभी शिक्षकों को रिसीव करता। उसके बाद मंधना से बिठूर के रास्ते तो कभी कल्याणपुर से बिठूर होते शिक्षिकाओं को छोड़ने उन्नाव जाता था। वह अक्सर नारामऊ पंप से सीएनजी भरवाता था। इसलिए उन्नाव जाने के लिए दोनों रास्तों का प्रयोग करता था।
खाली थी बस, नहीं बड़ा होता हादसा
क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि मंधना के उमा टूरिस्ट की बस किसी फैक्ट्री से अटैज थी। इसलिए रोज सुबह कल्याणपुर से कर्मचारियों को लेकर दादानगर व पनकी जाती थी। सवारियों कल्याणपुर से बैठती थीं, इसलिए हादसे के समय बस में कोई कर्मचारी नहीं बैठा था। अगर कर्मचारी बैठे होते तो हादसा बड़ा हो सकता था। दुर्घटना होते ही चालक भी भाग निकला, इसलिए बस हाईवे पर ही खड़ी रही और कुछ ही देर में लंबा जाम लग गया।