UPSC Success Story: तान्या गुप्ता ने किया अपने जिले का नाम रोशन, UPSC के पांचवें प्रयास में हासिल की 720वीं रैंक

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Published By Anjali Singh
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अमृत विचार। लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती! सोहन लाल द्विवेदी की कविता यूपी की बेटी तान्या पर खूब बैठती है। UPSC में सफलता पाने वाली औरैया की बेटी तान्या गुप्ता की कहानी भी कुछ ऐसी ही है जिन्होंने अपनी मेहनत से इस साल UPSC सिविल सर्विस परीक्षा में 720वीं रैंक हासिल कर अपने जिले का नाम रोशन किया है। 

तान्या को यह सफलता यूं ही नहीं मिल गयी बल्कि इसके लिए उन्हें कठिन परिश्रम करना पड़ा। तान्या जब महज ढाई साल की थी। उस उम्र में पिता का साया उनके सर से उठ गया। इसके बाद तमाम तरह की परेशानी का सामना करते हुए उनहोने इस सफलता को हासिल किया है। तान्या का परिवार औरैया जिले के दिबियापुर का रहने वाला है, और इस खबर से उनका पूरा परिवार खुशी में डूबा हुआ है। तान्या की इस सफलता से उनके घर, आस-पड़ोस, रिश्तेदारों और परिचितों की बधाई का ताता लगा हुआ है।  
   
बता दें कि तान्या के पिता की बीमारी के चलते 24 साल पहले ही मृत्यु हो गयी थी। वह औरैया के स्कूल में गणित के अध्यापक थे और दादी प्रमोद कुमार ANM थी जिनकी मृत्यु के बाद मां अनीता उर्फ़ रानी गुप्ता को नौकरी मिली। वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र CHC सहार में वार्ड आया के पद पर तैनात है।

तान्या की शुरूआती पढ़ाई NTPC स्कूल दिबियापुर से हुई है। यहां से उन्होंने 12वीं में टॉप किया था। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गयी। जहां उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित संस्थान से B.Sc और M.Sc की डिग्री हासिल की।  

कठोर तपस्या से मिली सफलता 

पढ़ाई के साथ उन्होंने UPSC की तैयारी भी शुरू कर दी थी उन्होंने बताया कि उनके लिए ये रास्ता आसान नहीं था। कई बार हताशा और निराशा हाथ लगी। असफल ही हुई पर उन्होंने हार नहीं मानी। तान्या ने बताया कि उन्हें एक बार में ही सफलता नहीं मिली। बल्कि कई बार प्रयास करने के बाद अपने पांचवे प्रयास में आखिरकार उनका नाम UPSC सफल अभ्यर्थियों में आया। सात साल के कठोर परिश्रम, मेहनत और समर्पण से आज ये पल उन्हें नसीब हुआ है। वहीं तान्या की मां ने बताया कि वे रात दिन बस पढ़ाई करती थी, कोई शिकायत किये बिना, जब भी बात होती थी सिर्फ पढ़ाई की बातें होती थी।  

तान्या की यह सफलता सिर्फ उनके परिवार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व का पल है। यह कहानी हर उस बच्चे के लिए प्रेरणा है। जो मुश्किल हालातों से जूझ रहा है। तान्या की सफलता ने यह बता दिया है कि सही मार्गदर्शन, आत्मविश्वास और निरंतर प्रयास से कोई भी मुश्किल कार्य और कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। 

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